रतलाम. कुंदन कुटीर बालिका गृह कांड में युवती का वीडियो वायरल करवाने के मामले में फरार आरोपी जावरा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष यूसुफ कड़पा को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया। न्यायालय से उसे जमानत मिल गई। प्रकरण के तीन अन्य आरोपियों की पूर्व में जमानत हो चुकी है। उसकी गिरफ्तारी पर एसपी गौरव तिवारी ने दस हजार रुपए इनाम घोषित कर रखा था।
कुंदन कुटीर बालिका गृह से पांच लड़कियों के भागने के बाद जावरा में संचालक सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। प्रकरण में बालिका गृह में पूर्व में रही युवती का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में युवती ने जावरा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रिश्तेदार पर आरोप लगाए। पुलिस ने जांच की तो 11 फरवरी को रतलाम के जवाहर नगर में षड्यंत्रपूर्वक वीडियो बनाने का मामला उजागर हुआ।
युवती की रिपोर्ट 14 फरवरी को आरोपी यूसुफ कड़पा, भारती शर्मा, दिनेश चौहान तथा एक अन्य साथी के खिलाफ रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र थाने में प्रकरण दर्ज हुआ। आरोपी भारती पिता राधेश्याम शर्मा (21) को 15 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था जिसे 18 मार्च को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। 9 अप्रैल को आरोपी दिनेश चौहान को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में पूछताछ की।
दिनेश ने पुलिस को बताया 11 फरवरी को राहुल पिता कंवरलाल पाटीदार (36) निवासी रतलाम नाका जावरा तथा भारती के साथ कार से रतलाम आकर जवाहर नगर में युवती की वीडियो बनाया। पुलिस ने राहुल को जावरा से गिरफ्तार कर वीडियो बनाने में प्रयुक्त मोबाइल फोन जब्त किया। रिमांड खत्म होने पर दोनों को 11 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया। न्यायिक दंडाधिकारी राकेश पाटीदार ने दोनों को 50-50 हजार रुपए जमानत-मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए।
एसआई शिवमंगलसिंह सेंगर ने बताया सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे जावरा में आरोपी राहुल के घर के पास रतलाम नाके से यूसुफ कड़पा को गिरफ्तार कर जिला न्यायालय में पेश किया।
आरोपी के अभिभाषक आमीन खान और मुनव्वर जैदी ने न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें अन्य आरोपियों की जमानत होने के कारण समानता के आधार पर जमानत का लाभ देने की प्रार्थना की। न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश पाटीदार ने आरोपी यूसुफ पिता अहमद कड़पा (49) निवासी बोहरा बाखल जावरा को 50-50 हजार रुपए के जमानत-मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए।
एक घंटे तक कोर्ट में बहस चली, इस दौरान यूसुफ कठघरे में ही खड़ा रहा : आरोपी यूसुफ 14 फरवरी को प्रकरण दर्ज होने के बाद से फरार था। 59वें दिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दोपहर करीब 1 बजे न्यायालय में पेश किया। यूसुफ के वकील आमीन खान और मुनव्वर अली जैदी ने हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश पाटीदार से समानता के आधार पर जमानत देने की अपील की।
अभियोजन की ओर से एडीपीओ सिमी रत्नम ने जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित करने का तर्क देते हुए जमानत आवेदन का विरोध किया। करीब 60 मिनट तक बहस चली तब तक यूसुफ कटघरे में खड़ा रहा। न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश पाटीदार ने समानता के आधार पर जमानत आवेदन स्वीकार कर लिया।
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