बुलंदशहर. बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को बुलंदशहर की गठबंधन रैली में कहा कि अली भी हमारे हैं और बजरंगबली भी। हमें दोनों चाहिए। दोनों के गठजोड़ से अच्छा रिजल्ट मिलेगा। उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ को न तो अली और ना ही मेरी जाति का वोट मिलेगा। दोनों वर्ग कांग्रेस और भाजपा को छोड़ चुके हैं। हमारी पार्टी भाजपा की तरह धर्म जाति पर वोट नहीं मांगती है। इस रैली में राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी मौजूद थे।
इसके बाद मायावती ने बदायूं में गठबंधन की दूसरी रैली में कहा, ''कांग्रेस और भाजपा के घोषणापत्र हवाहवाई हैं। दोनों पार्टियां प्रलोभन भरे वादे करती हैं। भाजपा सरकार में देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं। केंद्र में अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलता है तो देश के गरीबों को 6 हजार रुपए देने की बजाय उन्हें सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार देने का काम करेगी। कांग्रेस गरीबी हटाने के लिए किस्म-किस्म के नारे देती रही है। पिछले सालों में गरीबों और मुस्लिमों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया।''
16 तारीख को तीसरी रैली
बसपा-सपा और रालोद की संयुक्त रैलियां 16 अप्रैल को आगरा, 19 अप्रैल को मैनपुरी, 20 अप्रैल को रामपुर और फिरोजाबाद में होंगी। 25 अप्रैल कन्नौज, 1 मई को फैजाबाद, 8 मई को आजमगढ़, 13 मई को गोरखपुर और गठबंधन के साझा रैलियों के अभियान का समापन 16 मई को वाराणसी में होगा। गठबंधन की ओर से साझा रैलियों में मैनपुरी, कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद और आजमगढ़ वो सीटें हैं जो फिलहाल यादव परिवार के पास हैं। आधी साझा रैलियां इन्हीं सीटों पर हो रही हैं। 11 साझा रैलियों में से सहारनपुर और आगरा महज दो ऐसी सीटें हैं जो बसपा के खाते में है।
देवबंद में हुई थी गठबंधन की पहली रैली
बसपा सुप्रीमो मायावती की पहली संयुक्त रैली सात अप्रैल को सहारनपुर जिले के देवबंद में हुई थी। इसमें अखिलेश यादव और चौधरी अजित सिंह भी मौजूद थे। रैली में काफी भीड़ देखने को मिली थी। रैली में मायावती ने कहा था कि पीएम मोदी रैली में आई भीड़ को देखकर पगला जाएंगे। उन्होंने मुसलमानों से भी वोट नहीं बंटने देने की अपील की थी।
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