रायपुर. नक्सली हमले में मारे गए भाजपा विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने भी परिवार सहित अपने मताधिकार का प्रयोग किया। गृहग्राम गदापाल में बनाए गए निकटत पोलिंग बूथ पर मतदान करने के लिए पहुंची। खास बात यह है गुरुवार को हो रहे मतदान से ठीक 39 घंटे पहले मंगलवार को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या हो गई थी। वहीं बस्तर की महिलाओं में भी इस बार पुरुषों से ज्यादा मतदान को लेकर उत्साह है।
नक्सली हमले में मारे गए विधायक भीमा मंडावी को लेकर दंतेवाड़ा सहित राज्य में शोक की लहर है। भाजपा दंतेवाड़ा इकाई की ओर से गुरुवार को भी उनके लिए शोक सभाएं की गईं। ऐसे में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए स्वर्गीय विधायक
मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी दोपहर में गृहग्राम गदापाल में बनाए गए बूथ पर मतदान करने के लिए पहुंची। इससे पहले उनके ससुर व विधायक मंडावी के पिता लिंगा मंडावी भी बेटियों के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया। एक दिन पहले ही लिंगा मंडावी ने कहा था कि वो अपने बेटे की हत्या का बदला नक्सलियों से जरूर लेंगे।
विधानसभा क्षेत्र | कुल पुरुष मतदाता | कुल महिला मतदाता | सुबह 9 बजे तक | 11 बजे तक | दोपहर 1 बजे तक |
कोंडगांव | 82529 | 86197 |
3301 (पुरुष) 3448 (महिलाएं) |
21457 (पुरुष) 21549 (महिलाएं) |
30536 (पुरुष) 29738 (महिलाएं) |
नारायणपुर | 86937 | 92549 |
8564 (पुरुष) 3756 (महिलाएं) |
22478 (पुरुष) 20547 (महिलाएं) |
27782 (पुरुष) 24152 (महिलाएं) |
बस्तर | 75893 | 73614 |
10625 (पुरुष) 12897 (महिलाएं) |
20871 (पुरुष) 19505 (महिलाएं) |
33545 (पुरुष) 34632 (महिलाएं) |
जगदलपुर | 92533 | 98612 |
11567 (पुरुष) 11735 (महिलाएं) |
28233 (पुरुष) 27611 (महिलाएं) |
37846 (पुरुष) 39741 (महिलाएं) |
चित्रकोट | 79117 | 88298 |
11076 (पुरुष) 11479 (महिलाएं) |
22944 (पुरुष) 22075 (महिलाएं) |
34653 (पुरुष) 36202 (महिलाएं) |
दंतेवाड़ा | 89669 | 98778 |
8706 (पुरुष) 9230 (महिलाएं) |
20624 (पुरुष) 21731 (महिलाएं) |
29591 (पुरुष) 31115 (महिलाएं) |
बीजापुर | 78016 | 84464 |
7062 (पुरुष) 6686 (महिलाएं) |
12914 (पुरुष) 12806 (महिलाएं) |
21262 (पुरुष) 21277 (महिलाएं) |
कोंटा | 77692 | 86998 |
5208 (पुरुष) 5014 (महिलाएं) |
13639 (पुरुष) 15010 (महिलाएं) |
16764 (पुरुष) 17521 (महिलाएं) |
लोकतंत्र में मतदान कितना महत्वपूर्ण हैं, यह बस्तर की महिलाओं ने साबित कर दिया है। एक ओर नक्सली धमकी, हमले और चुनाव का विरोध, वहीं दूसरी ओर महिलाएं सड़कों पर लिखे उनके नारों को रौंदती हुईं 12 किमी का सफर तय कर वोट करने पहुंची हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अपने वोट का इस्तेमाल करने के लिए अधिक संख्या में घरों से निकली हैं। तेज धूप और हाथों में नवजात को साथ लिए तमाम धमकियों के बावजूद उनके हौंसले डिगे नहीं हैं। चुनाव आयोग के आंकड़े भी इसी ओर इशारा करते हैं।
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