इंदौर. मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के यहां शनिवार रात तीन बजे मारे गए आयकर छापे के बाद से राजनीति गर्माई हुई है। आयकर विभाग के दरवाजा तोड़कर छापे के लिए घुसने के तरीके को लेकर कक्कड़ ने मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की है। मामले में गुरुवार को सुनवाई की गई।
कोर्ट नं 2 में जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस विवेक रूसिया की कोर्ट में गुरुवार को मामले की सुनवाई की गई। कक्कड़ के वकील व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक घंटे 10 मीनट में अपनी बात अदालत के सामने रखी।
सिब्बल ने कहा कि बिना पर्याप्त जानकारी के कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। राज्य पुलिस को बताए बिना कार्रवाई करना गलत है। इसमें निजता के अधिकार का भी उल्लंघन किया गया है। बहस के दौरान सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि छापे के वक्त घर में एक स्पेशल चाइल्ड था जो डर गया।इसके साथ ही बगैर पंचनामा बनाए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवगीर्य को को कैसे पता चल गया कि कितना माल जब्त हुआ है।
आयकर विभाग की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय जैन तर्क रखे। उन्होंने आयकर विभाग द्वारा नोटिफिकेशन व धाराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली की टीम को देश मे कहीं भी कार्रवाई करने का अधिकार है। हमारे द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की गई। राजनीतिक से प्रेरित होकर कार्रवाई का आरोप झूठा है। हमारी ओर से जो प्रेस नोट जारी हुआ है उसमें किसी व्यक्ति या राजनीति दल का नाम नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय ने क्या बयान जारी किया इससे हमें कोई मतलब नहीं है।
कक्कड़ ने अपनी याचिका में कहा है कि अधिकारी बिना परिचय दिए ही जाली वाला दरवाजा तोड़कर अंदर आ गए। यह बात भी उठ रही है कि छापे के लिए रात तीन बजे घुसना गलत है।
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