Sunday, 8th June 2025

क्या लोकसभा चुनाव में 1998 के मतदान का रिकॉर्ड टूटेगा

Wed, Apr 10, 2019 6:23 AM

प्रलय श्रीवास्तव

मध्यप्रदेश की 29 सीटों के लिए अप्रैल-मई में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में मतदान का क्या नया रिकॉर्ड कायम होगा। ऐसी संभावना है कि बेहतर चुनावी प्रबंधन और स्वीप गतिविधियों के चलते इस बार के लोक सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत वर्ष 1998 के 61.72 को पार कर जाए। ऐसा इसलिए भी कि मतदान के प्रति मध्यप्रदेश के मतदाताओं में अभूतपूर्व उत्साह संचालित हुआ है। वे पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक और शिक्षित हुए है।
देश के साथ मध्यप्रदेश में अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके है। पिछला लोकसभा चुनाव अप्रैल 2014 में तीन चरण में हुआ था। जिसमें मतदान का कुल प्रतिशत 61.60 रहा था। तब यह वर्ष 1998 के मतदान प्रतिशत 61.72 से मात्र 0.12 प्रतिशत पीछे रह गया था। तब इस बात को महसूस किया गया था कि यदि म.प्र. के चंद वोटर और घर से निकलते तो मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाता।
मध्यप्रदेश सहित भोपाल, मध्यभारत, विंध्य प्रदेश में साल 1951 में लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार मतदान हुआ था । तब से लेकर अब तक 16 लोकसभा निर्वाचन मध्यप्रदेश देख चुका है। लोकसभा के लिए हुए इन निर्वाचनों को देखने पर लगता है कि मध्यप्रदेश में औसतन 50-60 प्रतिशत के बीच वोटर अपने मताधिकार का उपयोग करते आए हैं। लेकिन वर्ष 1998 के आम चुनाव में मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने मतदान में अभूतपूर्व दिलचस्पी दिखाई थी। इस दौरान 61.72 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके पहले और बाद में कभी मतदान प्रतिशत इसे पार नही कर पाया। मतदान का यह प्रतिशत मध्यप्रदेश में हुए लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड के रूप में आज भी दर्ज है।
 हाँ, यदि 2014 मे थोड़ी और कोशिश हुई होती यानि कुल मतदाता 4 करोड़ 81 लाख 21 हजार 301 में से मात्र 0.12 प्रतिशत भी मतदान केन्द्र तक पहुँच जाते तो रिकार्ड का परिदृश्य बदल जाता। 0.12 प्रतिशत का मतलब 57,746 वोट होते है। इन वोटो को 29 लोकसभा सीटों में बाँटा जाए तो प्रत्येक में यह संख्या लगभग 1992 होती है। ये सभी वोटर यदि वोट डालते तो 1998 का रिकॉर्ड टूटना निश्चित था।
अब बात की जाए इस साल 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव और मध्यप्रदेश में मतदान की तैयारियों की तो निश्चित ही हम नये रिकार्ड की और अग्रसर है। विगत 3 माह पहले ही विधान सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 75.06 रहा है। यह सही है कि विधानसभा चुनाव के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कुछ घट जाता है। लेकिन निर्वाचन अमला इस बार सतर्क और सक्रिय है। लोगों में उत्साह और जोश है। जैसी की चुनाव आयोग की थीम है कि "कोई वोटर छूट न जाए'' पर अमल करते हुए हमें मतदान में अवश्य भागीदार बनना होगा।
    (लेखक पूर्व में निर्वाचन कार्य से जुड़े रहे है)

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