भोपाल. साल 2000 में 20 साल की उम्र में डीटीपी का काम शुरू करने वाला अश्विन शर्मा 19 साल में करोड़पति बन गया। आयकर विभाग की टीम ने जब प्लेटिनम प्लाजा स्थित उसके फ्लैट में छापा मारा तो वह दंग रह गई। घर की सजावट महल की तरह थी। अश्विन का रहने का अंदाज भी राजसी था। सोने-चांदी के बर्तन के अलावा घर एंटीक चीजों से भरा था। दीवार पर ट्रॉफियों (वन्य प्राणियों के मृत शरीर को संरक्षित करके बनाई जाती है) से सजी हुई थी। वन विभाग ने सभी ट्राफियां और शेर की खाल जब्त कर ली।
सूत्रों के मुताबिक, प्लेटिनम प्लाजा के पांचवे और छठवीं फ्लोर पर अश्विन के करीब छह से ज्यादा फ्लैट हैं। कॉम्पलेक्स की लिफ्ट सीधे पांचवे और छठवीं फ्लोर तक जाती है। पूरे कॉम्पलेक्स की छत पर उसने कब्जा करके रूफटाॅप गार्डन बना रखा है। इसमें उसका एक बैम्बू से बना बार भी है। पूरा गॉर्डन एंटीक आयटम्स से सजा है। गॉर्डन में लगाए गए पेड़ों की कीमत भी लाखों रुपए बताई जा रही है।
आधा दर्जन से ज्यादा ट्रॉफियां: अश्विन के सभी फ्लैटों में करोड़ों रुपए का इंटीरियर कराया गया है। छापे के दौरान अश्विन के फ्लैट से टीम को 252 शराब की बोतल, कुछ हथियार और बाघ की खालें भी मिलीं। टीम को मृत जानवरों की जो ट्रॉफियां मिली हैं वह ब्लैक बक, सांभर, चिंकारा, टाइगर, चीता, हिरण, चीतल की हैं। दो बाघों की खाल भी मिली हैं। अश्विन के घर में लगी ट्राफियों और बाघ की खाल की कीमत करोड़ों रुपए में बताई जा रही है।
विदेशी हथियारों का शौकीन: अश्विन के घर से राजा-महाराजाओं के जमाने के एंटीक हथियार भी मिले हैं। इसके अलावा विदेशी शराब की करीब ढाई सौ बोतलें भी मिली। कहा जा रहा है अश्विन ने कुछ महीने पहले ही अपना फेसबुक एकाउंट डिलीट किया है। जब वो फेसबुक पर एक्टिव था तब अपनी राजसी लाइफ स्टाइल को फोटो अपलोड करता रहता था। लेकिन, बाद में उसने अपना फेसबुक एकाउंट डिलीट कर दिया।
वन विभाग ने कार्रवाई: आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म होने के बाद अश्विन के घर वन विभाग की टीम पहुंच गई। विभाग के अफसरों ने ट्रॉफी और बाघ की खाल जब्त करने की कार्रवाई की। बाघ की खाल जब्त होने का दोषी पाए जाने की स्थिति में सात साल तक की सजा तक हो सकती है। बताया जा रहा है कि अश्विन के घर से अवैध हथियार भी मिले हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
पिता ने खुलवाया था डीटीपी सेंटर : अश्विन के पिता डॉ. चंद्रहास शर्मा जेपी अस्पताल से शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के पद से वर्ष 2000 में रिटायर हुए हैं। इसके बाद उन्होंने हर्षवर्धन नगर में मकान खरीदा था। मकान में शिफ्टिंग के बाद डॉक्टर पिता ने अश्विन को छोटी सी दुकान में डीटीपी सेंटर खुलवाया था।
कक्कड़ का करीबी था अश्विन: बताया जा रहा है कि अश्विन मुख्यमंत्री कमलनाथ के एसओडी प्रवीण कक्कड़ का खास है। नौकरशाहों से लेकर राजनेताओं तक पर उसकी अच्छी पकड़ है।
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