Sunday, 8th June 2025

मध्यप्रदेश / आयकर छापों पर कमलनाथ ने कहा- जिनके यहां पैसे बरामद हुए, वो भाजपा के लोग, केंद्रीय एजेंसी के जरिए मुझे दबाने की कोशिश

Wed, Apr 10, 2019 6:05 AM

 

  • छिंदवाड़ा नामांकन के बाद कमलनाथ बोले- मैं दबने वाला नहीं हूं  
  • कमलनाथ और बेटे नकुलनाथ की नामांकन रैली में भावुक हो उठी मां अलका नाथ ⁦
  • कमलनाथ ने विधानसभा और बेटे नकुलनाथ ने लोकसभा के लिए नामांकन भरा, फिर किया
  • भाजपा प्रत्याशी नत्थनशाह और उपचुनाव के लिए विवेक साहू पहले ही भर चुके हैं पर्चा

छिंदवाड़ा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल और इंदौर में पड़े इनकम टैक्स के छापों पर कहा कि जिनके यहां से पैसे बरामद हुए हैं। वो भाजपा के लोग है, जो मिला है वो तिनका है। और मुझे केंद्रीय एजेंसी की मदद से वो मुझे दबाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर मैं दबूंगा नहीं। मंगलवार को कमलनाथ यहां बेटे नकुलनाथ के साथ सभा को संबोधित कर रहे थे।

वहीं, सभा में मौजूद कमलनाथ की पत्नी अलकानाथ बेटे नकुलनाथ की नामांकन रैली में भावुक हो उठीं। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा उपचुनाव और उनके बेटे नकुलनाथ ने लोकसभा चुनाव के लिए छिंदवाड़ा में पर्चा दाखिल किया। संभवत: ये पहला मौका है, जब पिता-पुत्र ने एक ही जगह से अलग-अलग चुनाव के लिए नामांकन भरा है। कमलनाथ और उनके बेटे नकुल इसके बाद रोड शो किया। इसमें हजारों समर्थकों की भीड़ उनके साथ चल रही है। रोड शो के समापन पर एक सभा होगी। 

छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा प्रत्याशी नत्थनशाह कवरेती ने सोमवार को नामांकन भरा। भाजपा ने नत्थनशाह को नकुलनाथ के सामने मैदान में उतारा है। नत्थन शाह जुन्नारदेव सीट से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। वहीं, छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के भाजपा ने कमलनाथ के सामने विवेक साहू को प्रत्याशी बनाया है। यहां पर एक दिन 29 अप्रैल को मतदान होगा। 

यहां पर 35 साल से पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री कमलनाथ सांसद रहे हैं। केवल एक बार उन्हें हार मिली थी, जब सुंदरलाल पटवा ने उन्हें हराया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने ये सीट अपने बेटे नकुलनाथ को दे दी। जबकि खुद विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे। इसके लिए भी उन्होंने छिंदवाड़ा को ही चुना है।

पिता और पुत्र का ये पहला चुनाव
लोकसभा में 9 बार सांसद रहे कमलनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। जबकि नकुलनाथ भी पहली बार चुनावी राजनीति में कदम रख रहे हैं। वह अपने पिता की परंपरागत सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कमलनाथ 1980 से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं। 

kamal

दीपक सक्सेना ने छोड़ी सीट 
मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ को नियमानुसार 6 महीने में प्रदेश विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना आवश्यक है। छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक दीपक सक्सेना ने कमलनाथ के लिए ये सीट छोड़ दी। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे रिक्त सीट पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से जीत जाते हैं तो अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार विधायक बनेंगे। 

kamalnath

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery