इंदौर. मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ सहित उनके करीबियों के 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर की कार्यवाई साेमवार काे भी जारी है। इंदौर में विजयनगर स्थित कक्कड़ के घर पर आयकर की कार्रवाई शनिवार रात 3 बजे से चल रही है। रविवार को पुलिस और सीआरपीएफ के बीच हुई नोकझोंक के बाद छापा स्थल पर एक और सीआरपीएफ की टुकड़ी को तैनात कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार टीम ने कक्कड़ से रातभर बिना सोए पूछताछ की है। इस दौरान कई बार ऐसा हुआ जब कक्कड़ रुअसे से हो गए, लेकिन दिल्ली आयकर की टीम ने कक्कड़ एक नहीं सुनी और कार्रवाई जारी रखी।
आयकर विभाग की कार्रवाई इंदौर, भोपाल, दिल्ली, गोवा सहित 50 ठिकानों में शनिवार रात 3 बजे से ही चल रही है। कार्रवाई में शामिल 500 आयकर अफसर दूसरे दिन भी जांच में जुटे हुए हैं। यह कार्रवाई हवाला के जरिए हुए पैसे के लेनदेन की आशंका में की गई। कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़, भांजे रतुल पुरी, सलाहकार आरके मिगलानी, कक्कड़ के करीबी प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा के ठिकाने खंगाले गए। भोपाल में प्रतीक जोशी के यहां 9 करोड़ रुपए नकद मिले। सोमवार सुबह आयकर अधिकारी प्रवीण कक्कड़ के बेटे सलिल को लेकर बीसीएम हाइट्स स्थित ऑफिस पहुंची। बताया जा रहा है कि ज्यादातर प्रॉपर्टी सलिल के नाम पर ही है, ऐसे में टीम उसे संभवत: अन्य ऑफिस और बैंक लेकर जा सकती है, सलिल ने मीडिया से कहा कि उसे सबसे ज्यादा आयकर जमा करने के लिए गोल्ड सर्टीफिकेट मिल चुका है।
इंदौर में कक्कड़ के स्कीम नंबर 74 स्थित बंगले में इनकम टैक्स की 15 से अधिक अधिकारियों की टीम ने शनिवार देर रात 3 बजे अचानक छापा मारा। इसके बाद टीम बीसीएम हाइट्स स्थित थर्ड आई के दफ्तर, जलसा मैरिज गार्डन, उनके सीए राजेंद्र रांका के शहनाई रेसीडेंसी स्थित निवास, बसंत विहार स्थित विंध्यराज एनेक्सी भवन स्थित विविध कंपनियों के दफ्तरों में भी पहुंची।
बताया जा रहा है कि रांका के भाई प्रकाश और मोती तबेला में रहने वाले उनके परिचित मनोज जैन के यहां भी अधिकारी पहुंचे थे। कक्कड़, उनकी पत्नी और बेटे से रात तक पूछताछ जारी थी। रात में ही बंगले पर ज्वैलरी की कीमत आंकने के लिए वैल्यूअर को भी बुलाया गया। हालांकि कक्कड़ के घर से नकदी मिलने की जानकारी नहीं है, लेकिन 30 लाख की ज्वैलरी मिलने की बात सामने आ रही है।
कक्कड़ के बेटे सलिल विंध्यराज रियल्टी, विंध्यराज कंस्ट्रक्शन, थर्ड आई सिक्योरिटीज, रिलीजियस टूरिज्म प्रालि, जलसा और ऐश्वर्या बिल्डर्स प्रालि कंपनी में डायरेक्टर हैं। कक्कड़ की पत्नी साधना भी विंध्यराज कंस्ट्रक्शन, विंध्यराज रियल्टी में डायरेक्टर हंै। रतुल मुख्यमंत्री के भांजे हैं। वे अमिरा ग्रुप, मोजेर बियर कंपनी से जुड़े हैं। अनूपपुर में रतुल की कंपनी एक थर्मल पावर प्लांट लगा रही है। इन कंपनियों पर भी छानबीन की गई।
काेलकाता के एक कारोबारी पारसमल लोढ़ा के परिसरों पर भी छापे मारे गए। यह कार्रवाई सीधे दिल्ली से बुलाई गई सीआरपीएफ टीम की सुरक्षा में तड़के 3 बजे शुरू की गई। मप्र में इंदौर और भोपाल में कुल 6 ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई। भोपाल में प्लेटिनम प्लाजा प्रतीक जोशी के यहां 9 करोड़ रुपए नकद मिले। देर रात प्रतीक ने मीडिया को बयान दिया कि वे अश्विन शर्मा के लिए काम करते हैं। प्रवीण कक्कड़ के यहां से 30 लाख रुपए की ज्वेलरी और दो लाख रुपए कैश मिला है। जिसके कागजात उनके सीए ने आयकर टीम को दिखाए हैं।
इधर, इनकम टैक्स अधिकारियों ने नोट गिनने के लिए देर रात तक छह मशीनें बुलवा लीं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि बरामद रकम और बढ़ सकती है। अभी 11 बैग खुलने बाकी बताए जा रहे हैं। इसमें और कैश मिलने की संभावना है। आशंका जताई जा रही है कि शर्मा ने कांग्रेस सरकार बनने के बाद ट्रांसफर और पोस्टिंग में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि शर्मा ने खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बताया।
आनंदी बेन ने सीएस-डीजीपी से जानकारी मांगी : देर रात मप्र की गवर्नर आनंदी बेन पटेल ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव गृह को ईमेल भेजकर पूरे छापे की जानकारी तलब की है।
कमलनाथ को तड़के मिली थी सूचना, सीएस तामिया घूम रहे थे : सूत्रों का कहना है कि टैक्स छापों की खबर मुख्यमंत्री कमलनाथ को तड़के सुबह 5 बजे आरके मिगलानी ने दी। तब तक कुछ प्रीमाइसेस में अफसर प्रवेश कर चुके थे। मप्र सरकार बाद में हरकत में आई। मुख्य सचिव एसआर मोहंती छिंदवाड़ा के तामिया में थे। उनका मोबाइल फोन बंद था। उन्हें भी बाद में सूचना मिली।
आयकर विभाग ने इनके यहां मारा छापा
छापे इसलिए... जबलपुर के हवाला कांड और दिल्ली में एक उद्योगपति के यहां कुछ समय पहले पड़े छापों से दिल्ली इनकम टैक्स विंग को इसकी जानकारी मिली। अधिकारी एक्टिव हुए और इस हवाला के तार भोपाल में अश्विन शर्मा और इंदौर में ललित छजलानी तक जा पहुंचे। फिर नाम जुड़ा प्रवीण कक्कड़ का और आरके मिगलानी का। इनकम टैक्स के सूत्रों की मानें तो इन दोनों जगहों पर चार माह में बड़ी रकम एकत्रित हुई। भोपाल में इसी कड़ी में करोड़ों रुपए की नकदी मिली। अब आगे गहराई से जांच की जा रही है।
Comment Now