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इलेक्शन खास / पांच हजार लोगों के नाम दो राज्यों की मतदाता सूची में, 57 साल से चला आ रहा सीमा विवाद

Sun, Apr 7, 2019 6:06 PM

 

  • महाराष्ट्र-तेलंगाना के सीमा विवाद में उलझे 14 गांवों के मतदाता परेशान कि किस प्रत्याशी को वोट दें
  • दो राज्यों की मतदाता सूची में नाम होना और दो जगह मतदान करना गैर-कानूनी

नागपुर. महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा पर बसे 14 गांवों के मतदाता इस उधेड़बुन में हैं कि किस राज्य के प्रत्याशी को वोट दें। वजह यह है कि यहां के लगभग 5000 मतदाताओं के नाम दोनों ही राज्यों की वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। इनके पास दोनों राज्यों के वोटर आईडी कार्ड भी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में ऐसे मामले भी सामने आए थे, जब कई मतदाताओं ने दोनों राज्यों में वोट डाले थे क्योंकि सीमावर्ती सीटों चंद्रपुर और आदिलाबाद में अलग-अलग चरणों में चुनाव हुए थे। लेकिन इस बार दोनों सीटों पर एक ही दिन 11 अप्रैल को मतदान होना है। 

इस सारी गफलत के पीछे 57 साल से चला आ रहा सीमा विवाद है। इन्हीं गांवों में से एक में रहने वाले रामदास रणवीर बताते हैं कि इसकी शुरुआत 1962 में हुई, जब भाषा के आधार पर गांव की सीमा तय की गई। हमें मराठी आती थी, इसलिए हम महाराष्ट्र में गए। 1970 से महाराष्ट्र की योजनाएं यहां शुरू हुईं। 1977 में आंध्रप्रदेश ने भी यहां सुविधाएं देनी शुरू कर दीं। 5 अगस्त 1993 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने विधानसभा में स्पष्ट कर दिया कि संबंधित गांव महाराष्ट्र के हैं। आंध्रप्रदेश इस विवाद को 1996 में हैदराबाद हाईकोर्ट ले गया और बाद में महाराष्ट्र सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई। 17 सितंबर 1997 को आदेश हुआ कि गांव महाराष्ट्र में ही रहेंगे। इस आदेश का तब आंध्रप्रदेश और अब तेलंगाना ने पालन नहीं किया और विवाद अब तक जारी है।


इन गांवों से संबंधित पांच पंचायतें हैं और प्रत्येक पंचायत में दो-दो सरपंच हैं। एक तेलंगाना का तो दूसरा महाराष्ट्र का। दोनों ही राज्य के अफसर भी गांव में आकर मतदान करने को कह रहे हैं। मतदान के समय दोनों राज्य अपने-अपने बनाए स्कूलों में मतदान करवाने की तैयारी कर रहे हैं। गांवों का दौरा कर लौटे  इलेक्शन ऑफिसर एसएम आस्कर, चंद्रपुर के एएसआई एमएन मरावे और उनकी टीम का कहना था कि हमने 14 गांवों के लोगों को समझाने की कोशिश की है। वहीं, चंद्रपुर के कलेक्टर डॉ. कुणाल खेमनार का कहना है कि दो राज्यों की मतदाता सूची में नाम होना और दो जगह मतदान करना गैर-कानूनी है। इसके लिए हम लगातार तेलंगाना के वरिष्ठ अफसरों से बात कर रहे हैं। लेकिन, समस्या लगातार बनी हुई है।

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