सीएसडीएस-लोकनीति रिसर्च टीम. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लोगों ने मोदी सरकार के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है। 19 राज्यों में 59% या हर पांच में तीन लोग मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नजर आते हैं। पिछले साल मई में सरकार की लोकप्रियता काफी गिर गई थी और अगर नेट संतुष्टि (संतुष्ट-असंतुष्ट) की बात करें तो यह शून्य पर थी। यानी जितने लोग सरकार से संतुष्ट थे, उतने ही असंतुष्ट। लेकिन, इसके एक साल बाद यह 24 प्वाइंट पर है, जो अच्छी रेटिंग है। मई 2009 में मनमोहन सरकार की नेट संतुष्टि 43 प्वाइंट थी, इसके बावजूद यूपीए को सिर्फ 262 सीटें ही मिल सकी थीं। यह बात सीएसडीएस-लोकनीति- द हिंदू और तिरंगा टीवी के प्री पोल सर्वे में सामने आई है। पढ़ें इस सर्वे की तीसरी कड़ी...
चुनाव के मौके पर सरकार के पक्ष में सकारात्मक माहौल भाजपा का मजबूत आधार हो सकता है। 46% लोग सरकार को एक और मौका देने के पक्ष में हैं, लेकिन 36% नहीं चाहते कि सरकार को दोबारा मौका मिले। कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकार के लिए यह चुनाव आसान नहीं होने जा रहा। आधे से अधिक लोग मानते हैं कि सरकार अच्छे दिन लाने में सफल रही, भ्रष्टाचार, महंगाई व नौकरियों पर सरकार के प्रदर्शन से लोग बहुत खुश नजर नहीं आए हैं।
राज्यों में सरकार को लेकर संतुष्टि एक जैसी नहीं
कर्नाटक को छोड़ दें तो सभी दक्षिणी राज्यों में सरकार से नेट संतुष्टि ऋणात्मक है। जहां तक 59% कुल संतुिष्ट का सवाल है तो यह भी सभी राज्यों में समान नहीं है। कहीं यह बहुत अधिक है तो कहीं बहुत कम। तेलंगाना और केरल में तो लाेग केंद्र की तुलना में राज्य सरकार के प्रदर्शन से अधिक संतुष्ट (नेट संतुष्टि) नजर आए हैं। पंजाब में केंद्र की नेट संतुष्टि जहां माइनस 29 रही वहीं पंजाब सरकार के लिए यह +17 रही।
भाजपा सांसदों से लोग खुश नहीं
भाजपा के सामने एक समस्या और है। उसके सांसदों से लोग खुश नहीं हैं। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के तीन इलाकों में कराए गए सर्वे में भाजपा सांसदों से संतुष्ट लोगों की संख्या काफी अधिक रही। भाजपा ने राज्य में सभी 11 सीटोंं पर नए उम्मीदवार उतारे हैं। इन सभी बातों को देखेंं तो भाजपा के लिए चुनावों मेें जीत उतनी आसान नहीं है, जितनी दिख रही है।
सर्वे कैसे हुआ
सर्वे 19 राज्यों में 24 से 31 मार्च के बीच किया गया। इसमें 101 लोकसभा क्षेत्रों की 101 विधानसभा सीटों के 10,010 लोगों ने भाग लिया।
जिन 19 राज्यों में सर्वे हुआ उनमें से 10 राज्यों मेें लोग केंद्र की तुलना में राज्य सरकाराें से ज्यादा संतुष्ट दिखे।
एनडीए सरकार से नेट संतुष्टि (संतुष्ट-असंतुष्ट) (% points) |
राज्य सरकार से नेट संतुष्टि (संतुष्ट-असंतुष्ट) (% points) |
|
आंध्र प्रदेश | -5 | -11 |
असम | 30 | 32 |
बिहार | 43 | 38 |
छत्तीसगढ़ | 53 | 80 |
दिल्ली | 27 | 54 |
गुजरात | 49 | 49 |
हरियाणा | 58 | 55 |
झारखंड | 6 | 3 |
कर्नाटक | 40 | 47 |
केरल | -39 | 40 |
मध्य प्रदेश | 26 | 45 |
महाराष्ट्र | 37 | 23 |
उड़ीसा | 73 | 84 |
पंजाब | -29 | 17 |
राजस्थान | 43 | 36 |
तमिलनाडु | -39 | -41 |
तेलंगाना | -7 | 62 |
उत्तर प्रदेश | 33 | 22 |
पश्चिम बंगाल | 14 | 22 |
बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में भाजपा सांसदों से नेट संतुष्टि बहुत कम रही जबकि छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में काफी अच्छी रही
केद्र सरकार के प्रदर्शन से नेट संतुष्टि (संतुष्ट-असंतुष्ट) (%) |
भाजपा सांसद के प्रदर्शन से नेट संतुष्टि (संतुष्ट-असंतुष्ट) (%) |
|
बिहार (चार सीटें) | 43 | -10 |
दिल्ली (तीन सीटें) | 27 | 2 |
मध्य प्रदेश (चार सीटें) | 26 | 8 |
महाराष्ट्र (छह सीटें) | 37 | 1 |
उत्तर प्रदेश (13 सीटें) | 33 | 5 |
छत्तीसगढ़ (तीन सीटें) | 53 | 65 |
कर्नाटक (तीन सीटें) | 40 | 89 |
Comment Now