प्रलय श्रीवास्तव
मध्यप्रदेश में वर्ष 1991 से लेकर 2014 तक सात लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके है। इन सातों लोकसभा चुनाव में जहाँ मतदान-प्रतिशत में उतार-चढ़ाव आते रहे तो वही उम्मीदवारों की संख्या भी घटती-बढ़ती रही। सबसे अधिक 1259 उम्मीदवार साल 1996 के लोकसभा चुनाव में थे। इस दौरान अविभाजित मध्यप्रदेश के संसदीय क्षेत्रों की संख्या 40 थी जो 2004 के लोकसभा निर्वाचन में घटकर 29 हो गई।
मध्यप्रदेश में 2014 के लोकसभा निर्वाचन के दौरान 4.81 करोड़ मतदाता थे, जो 1991 के बाद सर्वाधिक रहे। वर्ष 1991 में 3,77,12,026, 1996 में 4, 38, 64, 199, वर्ष 1998 में 4,46,13, 317, 1999 में 4,69, 25, 473, 2004 में 3, 83, 91, 315, और 2009 में 3, 80, 83, 778 मतदाता थे। इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 4 अप्रेल की स्थिति में लगभग 5 करोड़ 17लाख है।
साल 1991 में जहाँ मतदान केन्द्रो की संख्या 44, 706 थी वही वह 1996 में 55, 641, 1998 में 55, 760, 1999, में 56, 946, 2004 में 42, 312, 2009 में 47, 820 और पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में 54, 846 हो गई। इस साल होने वाले निर्वाचन में मतदान केन्द्रो की संख्या 65 हजार 283 रहेगी। जो अब तक सर्वाधिक है।
नामांकन
सबसे अधिक 2116 नाम निर्देशन-पत्र 1998 के लोकसभा चुनाव में दाखिल हुए थे। इसके पहले 1991 में 1098, 1998 में 569, 1999 में 445 2004 में 361, 2009 में 558, और पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में 448 नाम निर्देशन-पत्र अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गये थे।
उम्मीदवार
1991 के लोकसभा चुनाव में 683, 1996 में 1259, 1998 में 400, 1999 में 344, 2004 में 294, 2009 में 429 और 2014 में 378 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे। सबसे अधिक 1184 पुरूष और 75 महिला उम्मीदवार 1996 के चुनाव में थी।
मतदान - प्रतिशत
1991 में मतदान का प्रतिशत 44.35 रहा था। इसके बाद के क्रम में 1996 में 54.06 प्रतिशत, 1998 में 61.72 प्रतिशत, 1999 में 54.85 प्रतिशत, 2004 में 48.09 प्रतिशत 2009 मे 51.16 प्रतिशत और 2014 में 61.60 प्रतिशत रहा।
(लेखक निर्वाचन कार्य से जुड़े रहे हैं)
Comment Now