Sunday, 8th June 2025

भोपाल / इरादे ऐसे- आईएएस ही बनना था, इसलिए न कोई सीवी तैयार किया न किसी कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया

Sat, Apr 6, 2019 6:14 PM

 

  • भोपाल की सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया में पांचवी रैंक हासिल की है

भोपाल। संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का मुख्य परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। इस परीक्षा में भोपाल की सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया में पांचवी रैंक लेकर महिलाओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। सृष्टि ने 2018 में केमिकल इंजीनियरिंग पूरी की और अब पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है। 

सृष्टि देशमुख की सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी
मेरे दिमाग में आईएएस बनने की धुन इस कदर हावी थी कि मैंने कॉलेज के दौरान कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया, न सीवी तैयार किया। किसी कंपनी को एप्रोच नहीं किया, क्योंकि मन में ठान रखा था प्लेसमेंट नहीं चाहिए। और मैं तैयारी करती चली गई, सफल हुई। जब आप तैयारी शुरू करते हैं तो कई आंकड़े आपके सामने आते हैं। मैंने टेस्ट सीरीज में पढ़ा था कि मप्र में 15 से 30 हजार स्कूल ऐसे हैं जहां सभी बच्चों के लिए सिर्फ एक टीचर है। यह बात मेरे दिमाग में घर कर गई। मैंने सोचा... मैं इस स्थिति को बदलने के लिए क्या कर सकती हूं। यहीं से मोटिवेशन मिला। इंजीनियरिंग चुना ताकि बैकअप तैयार रहे। 

भोपाल में रहकर किया टॉप :ज्यादातर लोग सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख करते हैं। मैंने सोचा जब कॉलेज भोपाल से किया तो तैयारी भी यहीं से करूंगी। इस दौरान कभी स्टडी मटेरियल नहीं मिला तो कहीं कोचिंग क्लास नहीं मिली। मुझे इंटरनेट ने मदद की। नॉलेज, टेस्ट सीरिज, क्लासेस सबकुछ इंटरनेट पर है। 

मप्र कैडर लूंगी : मैंने मप्र कैडर का प्रिफरेंस भरा था। जो रैंक आई है उससे मप्र कैडर में ही आईएएस अफसर बन जाऊंगी। 

दोधारी तलवार है इंटरनेट : इंटरनेट दोधारी तलवार है। मैंने सोशल नेटवर्किंग साइट्स से खुद को दूर रखा। व्हॉट्सएप, फेसबुक-टि्वटर बंद कर दिया। फ्रेंड्स से नहीं मिलती थी, पार्टी नहीं जाती थी। दोस्त ताने भी मारते थे कि मैं सोशली कट रही हूं, लेकिन मन में लगता था- आज पढ़ लूंगी तो शायद कुछ अच्छा कर पाऊं। 

तैयारी का तरीका : परीक्षा के लिए बहुत सब्जेक्ट होते हैं, अलग-अलग किताबें पढ़नी होती हैं। लेकिन मैंने हमेशा यूपीएससी सिलेबस में दिए विषयों के आधार पर तैयारी की। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र पढ़ती रही, ताकि पता चले कि किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इन सबसे समय पर जवाब लिखने का अच्छा अभ्यास भी हुआ। इस परीक्षा में केमिस्ट्री होती है, केमिकल इंजीनियरिंग नहीं, इसलिए मैंने सोश्योलॉजी को एक विषय के तौर पर चुना। 


इंटरव्यू में पूछा गया सवाल 

  • सवाल- इतनी यंग हो, तो क्या चैलेंजेस हो सकते हैं और उन्हें कैसे फेस करोगे? 
  • जवाब- यंग हूं, लड़की हूं तो शायद अपने फैसलों को मनवाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन मैं उस पर होमवर्क करूंगी।

बतौर सिविल सर्विसेंट मेरा फोकस स्कूल और शिक्षा पर होगा। महिला सशक्तीकरण पर भी काम करूंगी, क्योंकि जब एक महिला सशक्त होती है तो परिवार और कई पीढ़ियों संवर जाती हैं। 

- सृष्टि 

  • स्कूल- कार्मल कॉन्वेंट, बीएचईएल 
  • पिता- जयंत देशमुख (इंजीनियर) 
  • माता- सुनीता देशमुख (टीचर) 
  • भाई- अथर्व (सातवीं का छात्र)

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