इंदौर. गुड़ी पड़वा पर्व की शुरुआत शनिवार को राजबाड़ा से अर्घ्य देकर हुई। मराठी समाज की महिलाओं ने पारंपरिक वेश-भूषा में यहां पहंचकर सूर्यदेव का पूजन किया। नगर निगम एवं लोक संस्कृतिक मंच के द्वारा राजबाड़ा पर आयोजित विशेष कार्य्रकम में लोकसभा स्पीकर और सांसद सुमित्रा महाजन शामिल हुईं और उन्होंने शहरवासियों को हिंदू नववर्ष की बधाई देते हुए महिलाओं को हल्दी-कुमकुम लगाया। दूसरी ओर भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने मोदी गान कर नववर्ष मनाया। ग्वालियर में भी नगर निगम ने गुड़ी पड़वा पर्व के मौके पर संगीत समारोह का आयोजन किया।
गुड़ी पड़वा पर अर्द्ध देने के लिए शनिवार अलसुबह से ही बड़ी संख्या में मराठी समाज की महिलाएं पारंपरिक परिवेश में राजबाड़ा पहुंचीं। सूर्याेदय होते ही सबसे पहले महिलाओं ने सूर्यदेव की पूजा करते हुए उन्हें अर्द्ध दिया और परिवार सहित देश में शांति और सुखहाली की कामना की। सूर्य को अर्द्ध देने ताई भी राजबाड़ा पहुंची और महिलाओं के साथ सूर्यदेव की पूजा की। पूजन के बाद ताई ने नववर्ष की बधाई देते हुए सभी का मुंह मीठा करवाया। इस दौरान ताई ने यहां महिलाओं का हल्दी- कुमकुम से उनका स्वागत किया। यहां पर इस दौरान मराठी परंपरा की झलक देखने को मिली। यहां पर कई सांस्कृतिक आयोजन भी हुए।
ताई से मीडिया ने राजनीति को लेकर बात की, लेकिन उन्होंने इस मसले पर बात करने से साफ मना किर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि नए साल की शुरुआत हुई है। मैं सभी को नववर्ष की बहुत-बहुत बधाई देती हूं और देश में सुख शांति की कामना करती हूं। ऐसी मान्यता है कि चैत्र पक्ष की नवरात्रि से के दिन ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था और श्री राम अयोध्या लौटे तो घरों पर गूठी बांध कर उनका स्वागत किया था। वहीं इस दिन नीम की पत्तियां बांटी जाती हैं, नीम की पत्ती बांटने को लेकर मान्यता है कि ऐसा करने से सालभर लोगों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
ग्वालियर में भी धूमधाम से मनाया गया नववर्ष : शनिवार को ग्वालियर में भी नववर्ष की धूम देखने को मिली। नगर निगम ग्वालियर की ओर से विक्रम संवत् 2076 परिधावी नाम संवत्सर के शुभारंभ अवसर पर शहर में गीत-संगीत का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत संकीर्तन यात्रा के साथ हुई। इसके बाद गीत-ज्योति कलश छलके... कार्यक्रम हुआ। दीप प्रज्ज्वलन के बाद जैन वाणी, वैदिक ऋचाएं, निवेदन गीत के उच्चारण से नव वर्ष का स्वागत हुआ। साथ ही वाद्य वृंद, बांसुरी वादन और इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति हुई।
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