Saturday, 26th July 2025

दीक्षांत समारोह / 1387 नव आरक्षकों को दिलाई गई शपथ, जवानों ने किया शस्त्र कला का प्रदर्शन

Fri, Apr 5, 2019 8:30 PM

 

  • परेड में 992 महिलाएं और 395 पुरुष नव आरक्षक शामिल हुए
  • प्रशिक्षुओं में से 844 ग्रेजुएट्स एवं 172 पोस्ट ग्रेजुएट्स हैं

इंदौर. पीटीसी ग्राउंड पर शुक्रवार को दीक्षांत समारोह में 1387 नव आरक्षकों को शपथ दिलाई गई। समारोह में नव आरक्षकों ने शस्त्र व कला का भी प्रदर्शन किया। इसमें नवआरक्षकों ने फर्ज का ईमानदारी से निर्वहन करने की शपथ ली। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब सभी नव आरक्षकों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। इस बार की ट्रेनिंग में खास बात ये रही कि इन सभी आरक्षकों को नक्सलवाद से निपटने के लिए विशेष तैयारी कराई गई है। 

शुक्रवार सुबह पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में 72वें नव आरक्षक बुनियादी नव आरक्षक सत्र  मई 2018 से अप्रैल 19 तक का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। इस बार परेड में 992 महिलाएं और 395 पुरुष नव आरक्षकों ने दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि अशोक अवस्थी एडीजी (एस.टी.एफ) को परेड की सलामी दी। परेड का संचालन परेड कमांडर महिला आरक्षक आकांक्षा सिंह द्वारा किया गया। वहीं पीटीवी में एसपी तुषारकांत विद्यार्थी ने नव आरक्षकों को शपथ दिलवाई। प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को पुरस्कृत भी किया गया।

मुख्य अतिथि एडीजी अवस्थी ने शपथ लेने वाले नव आरक्षकों को अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पुलिस सेवा सबसे कठिन तथा उत्कृष्ट मानव सेवा वाली ड्यूटी है। उन्होंने आगामी समय में आने वाली कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए भी नव आरक्षकों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रशिक्षुओं को कहा कि आपको अपने व्यक्तिगत जीवन को एक आदर्श के रूप में समाज में प्रस्तुत करना चाहिए, जिसका अनुसरण अन्य व्यक्ति कर सकें। 

 

 

ी

एसपी विद्यार्थी ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों में व्यवसायिक दक्षता के लिए विधिक प्रावधानों के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व, संवाद कला, व्यवहार, संवेदनशीलता, आचरण, संबंधी, विकास, डायल-100, सायबर क्राइम एवं सीसीटीएनएस के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रशिक्षण में पुलिस की कार्य प्रणाली में आधुनिक तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के साथ-साथ कार्य के दौरान तनाव प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया।

समारोह के दौरान एसएसी रुचिवर्धन मिश्र भी मौजूद रहीं।

जेंडर सेंसिजाइटेशन तथा चाइल्ड प्रोटेक्शन के लिए प्रशिक्षणार्थियों में संवेदनशीलता विकसित करने के लिये विशेष प्रयास किए गए। इसके लिए विषय विशेषज्ञों का सहयोग लिया गया। इन प्रशिक्षुओं को मूक-बधिरों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली भाषा/संकेतकों की जानकारी संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया। इन प्रशिक्षुओं में से 844 ग्रेजुएट्स एवं 172 पोस्ट ग्रेजुएट्स हैं, जिसमें कई प्रशिक्षुओं द्वारा एमफिल, बीई, बीटेक, बीफार्मा पास हैं।  

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery