नई दिल्ली. तिब्बत के स्वायत्तशासी क्षेत्र (टीएआर) में स्थित एक हवाईअड्डे को चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाएगा। चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे विदेशी पर्यटकों और मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। चीन दूतावास की डिप्टी चीफ ली बिजिआन ने कहा कि टीएआर में आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए चीन ने अपनी पंचवर्षीय योजनाओं में बजट का प्रावधान किया है।
चीन के टीएआर के आली प्रांत के डिप्टी कमिश्नर जे किंगमिन ने कहा- इस प्रांत में स्थित एक एयरपोर्ट के विकास के बारे में विचार कर रहे हैं। हालांकि, यह योजना बेहद शुरुआती चरण में है।
मानसरोवर यात्रा के संबंध में किंगमिन ने कहा- कैलाश पर्वत की पवित्र जगह कुनशा एयरपोर्ट से करीब 200 किमी. दूर स्थित है। एयरपोर्ट का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास होने से वहां जाने वाले विदेशी यात्रियों को सुविधा होगी।
जुलाई से सितंबर के बीच होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के संबंध में पूर्व सांसद तरुण विजय और दूसरे अन्य यात्रियों ने मुद्दे उठाए। इन लोगों ने कहा था कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को आने वाली समस्याओं को सुलझाना चाहिए। मानसरोवर के पास श्रद्धालुओं के लिए अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए।
सुझाव भी दिया गया था कि मानसरोवर में श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने की इजाजत दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए पवित्र स्थल है। यहां यात्रा के लिए विशेष पासपोर्ट रहित सुविधा दी जानी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आईं चीनी दूतावास की डिप्टी चीफ ली बिजिआन ने कहा कि कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को कई लोग बहुत पवित्र मानते हैं। लेकिन, वहां पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दे हैं। पर्यावरण व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वहां पर डुबकी लगाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हालांकि, श्रद्धालु वहां से कुछ पानी जरूर ले जा सकते हैं।
उन्होंने कहा था कि चीन और भारत के बीच रिश्तों को बढ़ाने के लिए यह यात्रा बेहद अहम है। हमने यात्रा के दौरान तीन रिसेप्शन प्वाइंट बनाए हैं। इससे पहले 2018 में भी कई श्रद्धालुओं की वीजा की वैधता समाप्त हो गई थी। हमने इसे आगे बढ़ाया ताकि वे यात्रा पूरी कर सकें।
उन्होंने कहा कि चीन के 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना में टीएआर में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट दिया गया है। इसके जरिए यहां सड़क, बिजली और टेलीफोन की सुविधा को बढ़ाया जाएगा।
इससे पहले चीन के टीएआर के विदेश मामलों के महानिदेशक बैमनयांगजोंग ने कहा था कि चीन की सरकार कैलाश मानसरोवर तक श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रयास करती रही है और आगे भी कोशिशें कर रही है।
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