इंदौर (दीपेश शर्मा). निजी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत एक युवती का सामना खाप पंचायतों जैसे तानाशाही फरमान से हो रहा है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से एमटेक में गोल्ड मेडल प्राप्त आकांक्षा पाल समाज की है और उसने इसी साल 18 फरवरी को परिवार की सहमति से सॉफ्टवेयर इंजीनियर सूरज पुरोहित से शादी की है। पति के नाम के आगे लगा सरनेम ही समाज के लोगों की नाराजगी की वजह है। शादी के कुछ ही दिन बाद 24 फरवरी को समाज के 30 लोगों ने सर्वपाल-पाल-समाज के बैनर तले एक प्रस्ताव पास किया कि इस विवाह में शामिल लोग और जिन्होंने यह विवाह करवाया वे लोग समाज के रीति-रिवाजों से अलग किए जाते हैं। यह शादी समाज विरुद्ध है। जो लोग भी इन लोगों से सामाजिक व्यवहार रखेंगे उनका भी बहिष्कार होगा।
इस फरमान को इन लोगों ने इंदौर, उज्जेन, भोपाल, ललितपुर सहित कई इलाकों में प्रसारित किया और अब आकांक्षा बता रही हैं कि उसे और उसके परिवार वालों को उनके परिजनों के जरिए धमकियां दी जा रही हैं। एक धमकी यह थी-मेरी बेटी ऐसा करती तो मैं उसे जिंदा गाड़ देता। आकांक्षा का कन्यादान करने वाले उसके चाचा दमन सिंह पाल ने अब मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग में करते हुए बहिष्कार के पत्र में जिन लोगों के नाम हैं, उन्हें लीगल नोटिस भेजा है।
सर्वपाल-पाल-समाज पाल समाज की अधिकृत संस्था नहीं है। समाज की मुख्य संस्था श्री पला क्षत्रिय धनगर समाज इंदौर के अध्यक्ष नंदकिशोर पाल ने बताया कि परिवार का बहिष्कार जैसी बात अनुचित है और खुद उन्होंने युवती के पिता कुंदनलाल को पत्र लिख कर आश्वस्त किया है कि विरोध करने वाले लोगों का उनकी संस्था से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें इस अन्तरजातीय शादी पर कोई आपत्ति भी नहीं है। आकांक्षा के चाचा दमनसिंह पाल ने बताया कि उज्जैन के रहने वाले ब्रजेश पाल ने समाज के लोगों को हमारे खिलाफ एकजुट किया। ब्रजेश, प्रकाश पाल, बंशीलाल पाल, बिहारीलाल पाल, हेमराज पाल, विजय पाल सहित अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल किया। इसमें बताया गया कि 24 फरवरी को हुई बैठक में मेरे व मेरे परिवार के लोगों को समाजिक रीति-रिवाजों से बहिष्कृत किया जाता है। जो भी समाजजन मेरे परिवार से संबंध रखेगा, उसका भी बहिष्कार करने की धमकी पत्र में लिखी गई।
मैं पिछड़ा वर्ग से हूं, मेरे पति सामान्य वर्ग से। मेरे परिवार ने न सिर्फ मुझे खूब पढ़ाया, बल्कि मेरी हर खुशी को सबसे ऊपर रखा। परिवार ने ही मेरी शादी हमारे लंबे समय से परिचित पुरोहित परिवार में की। हमने पूरे रीति-रिवाज से शादी की, जिस पर मेरे समाज ने भी कोई आपत्ति नहीं ली। लेकिन समाज के ही कुछ लोगों ने मेरा और परिवार का जीना मुहाल कर दिया। ये लोग अब मुझे तेजाब डालने की धमकी दे रहे हैं। - आकांक्षा पाल
समाज ने कहा- बच्चों पर गलत प्रभाव न पड़े इसलिए हमने बैठक बुलाई : भास्कर ने जब ब्रजेश पाल से बात की तो वे बोले कि हमने तेजाब डालने की धमकी नहीं दी। हमने सामाजिक बहिष्कार के लिए किसी पर कोई दबाव नहीं डाला। वहीं बिहारी लाल पाल ने कहा- हमारे बच्चों पर गलत प्रभाव न पड़े, इसके लिए हमने बैठक की थी। वहीं विजय पाल ने कहा- हमें किससे मिलना है या नहीं, यह हमारा निर्णय है।
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