शेनझेन (चीन). दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी हुवावे का रेवेन्यू 2018 में 19.5% बढ़कर 107.13 अरब डॉलर (7.39 लाख करोड़ रुपए) पहुंच गया। पहली बार कंपनी का रेवेन्यू 100 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंचा है। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि अमेरिका समेत दुनियाभर के कई देशों में हुवावे को पिछले साल से राजनीतिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी के कंज्यूमर बिजनेस में अच्छी ग्रोथ से रेवेन्यू में इजाफा हुआ। इस डिविजन का रेवेन्यू 45.1% बढ़कर 348.9 अरब युआन पहुंच गया। पहली बार कंपनी के कुल रेवेन्यू में कंज्यूमर बिजनेस का शेयर सबसे ज्यादा रहा है।
हुवावे की रेवेन्यू ग्रोथ 2017 के मुकाबले 2018 में काफी अच्छी रही लेकिन नेट प्रॉफिट उतनी तेजी से नहीं बढ़ा। पिछले साल कंपनी का नेट प्रॉफिट 25.1% बढ़कर 59.3 अरब युआन रहा। 2017 में 28% की ग्रोथ रही थी। हुवावे की कोर नेटवर्किंग इक्विपमेंट यूनिट कैरियर बिजनेस का रेवेन्यू 294 अरब युआन रहा। 2017 में यह 297.8 अरब युआन था।
अमेरिका का कहना है कि चीन जासूसी के लिए हुवावे के नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकता है। हुवावे के उपकरण सुरक्षित नहीं हैं। अमेरिका ने सहयोगी देशों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की थी कि 5जी मोबाइल नेटवर्क के विस्तार में हिस्सा लेने से हुवावे को रोका जाए।
यूके में हुवावे की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। वहां की सरकार ने गुरुवार को कहा कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में हुवावे के तौर तरीके चिंताजनक हैं। यह यूके के ऑपरेटर्स के लिए जोखिम बढ़ाने वाला है।
हुवावे का कहना है कि वो इस मामले को गंभीरता से ले रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए यूके की सरकार के साथ बातचीत जारी रखी जाएगी। इसी महीने हुवावे ने अमेरिका के खिलाफ केस भी दायर किया है। अमेरिका के एक कानून के मुताबिक वहां की सरकारी एजेंसियों को हुवावे के उपकरण खरीदने से बैन कर दिया गया है।
एक दिसंबर 2018 को कनाडा में हुवावे की सीएफओ मेंग वांगझू को गिरफ्तार कर लिया गया था। अमेरिका के कहने पर कनाडा ने मेंग को गिरफ्तार किया था। अमेरिका ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। उसका कहना है कि हुवावे ने बैंकों से धोखाधड़ी की और अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद ईरान के साथ व्यापार किया। हुवावे अमेरिका से आरोपों को गलत बताता रहा है।
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