नई दिल्ली. टाटा ग्रुप एयरपोर्ट बिजनेस में एंट्री करते हुए जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड में निवेश करेगा। टाटा, सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड की यूनिट जीआईसी और एसएसजी कैपिटल मैनेजमेंट का कंसोर्शिययम 8,000 करोड़ रुपए लगाएगा। जीएमआर एयरपोर्ट की पेरेंट कंपनी जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बुधवार को रेग्युलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी है।
डील के मुताबिक कंसोर्शियम 1,000 करोड़ रुपए जीएमआर एयरपोर्ट्स में लगाएगा। बाकी 7,000 करोड़ रुपए के बदले जीएमआर की एयरपोर्ट यूनिट के शेयर खरीदे जाएंगे। इसके बाद टाटा के पास जीएमआर एयरपोर्ट्स के 20% शेयर, जीआईसी के पास 15% और एसएसजी के पास 10% शेयर होंगे।
जीएमआर एयरपोर्ट्स की वैल्यू 180 अरब रुपए आंकते हुए यह डील की गई है। एशिया के छठे बड़े हवाई अड्डे दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन जीएमआर ही करता है। हैदराबाद और फिलीपींस के केबू शहर में भी जीएमआर एयरपोर्ट ऑपरेट करता है।
देश के दूरदराज के कस्बों और गांवों में एयरफील्ड विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 1 लाख करोड़ रुपए की योजना है। ऐसे में टाटा ग्रुप की एयरपोर्ट बिजनेस में एंट्री अहम है। टाटा दो स्थानीय एयरलाइंस का संचालन भी करती है। पिछले महीने अडानी ग्रुप ने भी 5 एयरपोर्ट- जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम और मेंगलुरु के संचालन की बिडिंग में जीत हासिल की थी।
जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर कर्ज चुकाने के लिए असेट्स बेच रहा है। उस पर दिसंबर 2018 तक 2.9 अरब डॉलर का कर्ज हो गया। जीएमआर का जीवीके पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ कंपीटीशन है। जीवीके मुंबई में एयरपोर्ट का संचालन करता है।
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