भोपाल. 30 साल से कांग्रेस जिस सीट को जीतने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है, उससे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। हालांकि दिग्विजय का नाम भोपाल से तय होने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह हो गया कि उनके सामने भाजपा से कौन चेहरा चुनाव में उतरेगा?
मालेगांव ब्लास्ट में चर्चा में रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल से दावेदारी जताई है। उन्होंने दिग्विजय का नाम घोषित होने के बाद कहा कि वे उनका मुकाबला करने को तैयार हैं, यदि भाजपा उन्हें टिकट देती है तो वे दिग्विजय को हराएंगी।
शिवराज, आलोक का नाम भी चर्चा में
दिग्विजय जैसे बड़े चेहरे के कारण भोपाल लोकसभा सीट का चुनाव अब हाई वोल्टेज हो गया है। इसलिए सियासी गलियारों में दिग्विजय के सामने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मेयर आलोक शर्मा और शाहनवाज हुसैन जैसे बड़े नेताओं के उतरने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। हालांकि पार्टी की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं दिए गए हैं।
भोपाल इसलिए सबसे हॉट सीट
भाजपा का अजयगढ़ 1960 से जनसंघ का भी गढ़ रहा है। 30 साल में उमा भारती, कैलाश जोशी जैसे नेता यहां से केंद्र में गए। इस सीट की जीत-हार का असर राजगढ़, विदिशा, देवास, होशंगाबाद और विदिशा संसदीय सीट पर पड़ता है। कमलनाथ सरकार में दो कैबिनेट मंत्री और एक विधायक इसी संसदीय सीट से आते हैं।
दिग्विजय का जवाब- मेरे मानने का क्या मतलब
वैसे मैं 2020 तक राज्यसभा का सदस्य हूं। राजगढ़ पार्लियामेंट्री का लंबे समय तक संसद में प्रतिनिधित्व भी कर चुका हूं, वहां का वोटर भी हूं। इसके बाद भी पार्टी मुझे जहां से भी चुनाव लड़ाना चाहती है, मैं लड़ने के लिए तैयार हूं। यह फैसला केंद्रीय चुनाव समिति को लेना है। इसमें मेरे मानने का क्या मतलब होगा?
विजयवर्गीय बोले- नाथ के छोटे भाई हैं दिग्विजय
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यही है उस्तादों के उस्ताद। ऐसा कोई सगा नहीं जिसे इन्होंने ठगा नहीं। बड़े भाई कमलनाथ और छोटे भाई दिग्विजय ने नूराकुश्ती खेलकर कांग्रेस नेतृत्व को ही चकमा दे दिया।
अभिषेक भार्गव ने वापस ली दावेदारी
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने फेसबुक पोस्ट करके दावेदारी वापस ले ली। पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन को राकेश सिंह ने दिल्ली में अपने निवास पर बुलाकर बेटी मौसम बिसेन की दावेदारी वापस लेने के लिए मनाया। पूर्व वित्त मंत्री और विधानसभा चुनाव हरे जयंत मलैया को भी टिकट नहीं दिया जाएगा। ग्वालियर से दावेदारी कर रहे पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकरण भी टिकट की दौड़ से बाहर हो गए हैं। इंदौर संसदीय सीट पर अंतिम निर्णय लेने का जिम्मा सुमित्रा महाजन पर ही छोड़ा गया है।
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