गुना। लूट, डकैती, हत्या, चोरी जैसे संगीन अपराध होने पर सबसे पहला शक जिस जाति पर जाता है वह पारदी हैं। जिले के धरनावदा थाना क्षेत्र में ही इनके गांव हैं। यहां पर ऐसा कोई दिन नहीं निकलता जब पुलिस न पहुंचती हो। दिल्ली में भी कोई बड़ी वारदात होती है तो पारदी का ही नाम सबसे पहले सामने आता है।
हालांकि कई वारदातों में यह शामिल भी रहे हैं, इनामी बदमाश भी हैं। ज्यादातर आज की स्थिति में जेल में हैं। जिन गेंगों की तूती बोलती थी, वह भी टूट चुकी हैं। अब बचे हुए लोगों को मुख्यधारा में लाया जा रहा है। यह पहले एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने की है। वह मंगलवार सुबह पारदी बाहुल्य गांव खेजरा, बीलाखेड़ी और कनेरा में पहुंचे। उनके पहुंचते ही जोरदार स्वागत हुआ, फूल बरसाए गए। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं में इस बात की खुशी थी कि कोई आईपीएस अधिकारी तो हमारे घर तक आया।
उन्होंने खुलकर ऐसे बात कि जैसे घर के सदस्य से करते हैं। अपनी हर समस्या को झांसा किया। एसपी ने भी भरोसा दिलाया कि गलत कार्रवाई किसी पर नहीं होंगी, लेकिन आप लोग भी मुझे विश्वास दिलाएंगे कि गलत काम नहीं करेंगे। इस दौरान उनके साथ राघौगढ़ एसडीओपी बीपी तिवारी, धरनावदा थाना प्रभारी नीरज बिरथरे भी मौजूद थे। एसपी ने पारदियों के टूटे और कच्चे मकान देखकर कहा कि अपराध करके अपने लिए एक घर तक नहीं बना पाए। पढ़-लिखकर ऑफिसर बनों, बंगले मिलेगा। यह बात सुनकर कई लोगों ने कहा कि हमारे समाज में कई पढ़े-लिखे भी हैं।
ग्राम रक्षा समिति में रखा जाएगा
ऐसे पारदी जिन कोई अपराध का रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें ग्राम रक्षा समिति में रखा जाएगा। ऐसे लोगों नाम एकत्रित करने के लिए थाना प्रभारी नीरज बिरथरे से सूची बनाने के लिए कहा गया। वहीं जिनके पास खेती है, उनसे कहा कि यह करें। लेकिन हर अपराध से अब तौबा करें।
एसपी ने दिलाया भरोसा, हर संभव मदद की जाएगी
एसपी ने गांव में पारदियों के पढ़े-लिखे बच्चों की सूची बनवाई तो कई नाम सामने आए। इसमें इंजीनियर की तैयारी करने वाले, बीएससी और पीएससी की तैयारी करने वाले युवक भी मिले। कई युवती तो भी स्नातक की पढ़ाई कर रही है। एसपी ने ऐसे लोगों को भरोसा दिलाया कि हर संभव मदद मिलेगी। 8 से लेकर स्नातकोत्तर तक की डिग्री वाले करीब 40 से ज्यादा युवक-युवती के नाम सामने आए।
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