Sunday, 25th May 2025

छत्तीसगढ़ / वाहन चेकिंग के दौरान युवक की मौत भीड़ ने कोतवाली का गेट तोड़ा, लाठीचार्ज

Tue, Mar 19, 2019 5:17 PM

 

  • जशपुरनगर में कोतवाली के सामने पुलिस और भीड़ अामने-सामने
  • परिजनों का आरोप- पुलिस ने लाठी फेंककर मारा, पुलिस ने कहा- चेकिंग से बचकर भागने के दौरान खुद गिरा

जशपुरनगर . पुलिस की वाहन चेकिंग के दौरान बाइक से गिरकर एक युवक की मौत के विरोध में सोमवार को कोतवाली के सामने उग्र प्रदर्शन हुआ। पुरना नगर के ग्रामीण सहित शहर के लोगों ने कोतवाली के सामने जमकर हंगामा किया। कोतवाली के सामने जुटी भीड़ ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मृत युवक की लाश को कोतवाली के सामने ले जाया गया। लाश पहुंचते ही भीड़ और उग्र हो गई और कोतवाली की बंद गेट को भीड़ ने धकेलकर तोड़ते हुए खोल दिया।

भीड़ के इस बर्ताव काे देखते हुए एसपी ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू किया तो भीड़ छंट गई। जैसे ही पुलिस ने लाठी भांजना बंद किया तो फिर से कोतवाली के सामने भीड़ जमा हाे गई। भीड़ को समझाइश देेने के लिए एसपी पहुंचे और पुरना नगर के ग्रामीणों की मांग पर मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने का आश्वासन दिया।


इसके अलावा मामले में पुलिस की ओर से भी एक जांच टीम का गठन किया है। एसपी के आश्वासन के बाद यहां जमा हुई भीड़ वहां से चली गई। प्रदर्शन के कारण शहर की सड़क पर करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा। 
दो घंटे तक चला प्रदर्शन 


आनंद की मौत के बाद सोमवार की दोपहर को दो घंटे तक शहर में स्थिति तनावपूर्ण रही। कोतवाली के सामने सैकड़ों की भीड़ जुटी थी। आंबेडकर चौक के पास प्रदर्शनकारियों ने टायर जला रखा था और भीड़ के कई लोग सड़क पर बैठे थे। 

  • सुबह 11 बजे : कोतवाली के सामने एक साथ सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ पहुंच गई। इस भीड़ को देखते हुए कोतवाली के जवान गेट पर आ गए। 
  • 11:15 बजे: भीड़ ने नारेबाजी व हंगामा करना शुरू कर दिया। भीड़ की मांग थी कि उस पुलिस वाले को उन्हें सौंपा जाए जिसने चलती बाइक पर डंडा चलाया था। 
  • 11:25 बजे: भीड़ में शहर के कुछ लोग व विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता भी शामिल हो गए और नारेबाजी तेज हो गई। 
  • 11:35 बजे: पुलिस ने कोतवाली का गेट बंद कर दिया और रक्षित पुलिस केन्द्र से बल बुलाया गया। लाइन से जवान कोतवाली की गेट के पास तैनात हो गए। 
  • 11:50 बजे- आनंद की लाश को कोतवाली के सामने रख दिया गया और भीड़ ने धक्का मुक्की शुरू कर 
  • 12:02 बजे- लाश को सड़क पर रखी भीड़ ने कोतवाली की बंद गेट पर चढ़ाई कर दी। भीड़ के धक्के से कोतवाली की गेट खुल गई। गेट के उस पार तैनात पुलिस कर्मियों का बल कम पड़ने लगा। 
  • 12: 05 बजे- तैनात बल को भीड़ को हटाने के लिए एडिशनल एसपी उनैजा खातून ने लाठी चलाने का आर्डर दे दिया। पुलिस ने लाठी भांजना शुरू किया और बचाव में लोग दौड़कर भागने लगे। इस दौरान दो युवक घायल भी हुए। 
  • 12:25 बजे- कोतवाली के सामने फिर से भीड़ जमा होनी शुरू हो गई। 
  • 12: 35 बजे- एसपी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भीड़ की बात सुनी समझाईश का दौर शुरू हो गया। 
  • 1: 05 बजे- भीड़ को एसपी ने न्यायिक जांच का आश्वासन दिया। साथ ही जांच कर तीन दिन में मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद शव को लेकर ग्रामीण वापस लौटने लगे। 


बंद रही मुख्य सड़क, मोहल्लों की सड़क से गुजरी गाड़ियां : कोतवाली के सामने हो रहे इस उग्र प्रदर्शन को लेकर मुख्य सड़क दो घंटे तक बंद रही। सड़क के दोनों ओर बड़ी गाड़ियां जाम में खड़ीं रहीं। चारपहिया व दोपहिया वाहन सवार कोतवाली के बगल एसपी कार्यालय वाली गली और बिजली ऑफिस वाले रास्ते से सीधे कलेक्टोरेट के सामने निकले। इस दौरान मोहल्ले की इन सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ गया। 

प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे पक्ष-विपक्ष के नेता : ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान भाजपा व कांग्रेस के नेता मौके पर पहुंचे। भाजपा की ओर से रायमुनी भगत मौके पर पहुंची थी। रायमुनी भगत के पहुंचने के बाद ही लाठीचार्ज के बाद फिर से मौके पर भीड़ जमा हो गई थी। इधर कांग्रेस की ओर से विधायक विनय भगत, शहस्त्रांशु पाठक, उर्मिला भगत, अजय गुप्ता मौके पर पहुंचे थे। कांग्रेस के नेताअों ने भीड़ के गुस्से को शांत कराने के लिए समझाईश में पुलिस का योगदान दिया। ग्रामीण गांव की सरपंच प्रतिमा भगत के साथ पहुंचे थे। शहर के युवा ओम तिवारी, शिव प्रकाश तिवारी सहित अन्य लोगों ने ग्रामीणों के आंदोलन में उनका साथ दिया। 

भाजपा की मांग, दर्ज हो पुलिस कर्मी पर 302 का मुकदमा  : भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा- कि जशपुर के इतिहास में पहले कभी ऐसी घटना  नहीं घटी जब पुलिस के हाथों किसी निर्दोष की जान गई हो और न्याय की मांग कर रहे परिजनों एवं जनता पर पुलिस की लाठी चार्ज जैसे बर्बर कार्यवाही की गई हो। लोकतंत्र में न्याय की गुहार जनता अगर प्रशासन से नहीं करेगी तो किससे करेगी। नई सरकार की लचर व्यवस्था एवं अपनी प्रशासनिक विफलता को छुपाने के लिये हमारे जशपुर के भोले भाले भाई बहनों पर लाठी चार्ज प्रशासनिक आतंकवाद नहीं तो और क्या है। आज तक जशपुर में कभी लाठी चार्ज की नौबत नहीं आई पर इस कुशासन में ये लाठी चार्ज इतिहास में दर्ज हो गया। पुलिस अपने नाकामी को छिपाने के लिये लाठी चार्ज कर भोली-भाली जनता को घायल कर न्याय से वंचित कर रही है। लाठी चार्ज की न्यायिक जांच हो एवं जिस पुलिस के डंडे से मृतक की जान गई है उसे तत्काल बर्खास्त कर 302 का मुकदमा दायर की जाए। इधर भाजपा नेत्री रायमुनी भगत ने लाठीचार्ज को लेकर जांच की मांग की है। 


मामले की जाएगी जांच : 16 मार्च की शाम को वाहन जांच के दौरान बाइक सवार दो युवकों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया था, पर वे नहीं रुके और स्पीड से भाग रहे थे। आगे जाकर वे अन बैलेंस होकर गिर गए। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रांची मेें इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजन व ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने डंडे से बाइक सवार पर वार किया था, जिससे उसकी मौत हुई है। भीड़ को समझाइश दे दी गई है। मामले में दल का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। शंकर लाल बघेल ,एसपी, जशपुर

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