Sunday, 8th June 2025

मप्र / दिग्विजय ने कहा- चुनौती स्वीकार, राहुल जहां से कहेंगे लड़ने को तैयार

Tue, Mar 19, 2019 5:14 PM

 

  • भाजपा नेता बाबूलाल गौर ने दिग्विजय को भोपाल से चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली
  • उन्होंने कहा आ जाएं दिग्विजय भोपाल, हो जाएं दो-दो हाथ

भोपाल .   पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कठिन सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती को स्वीकार लिया है। हालांकि बाद में उन्होंने गेंद राहुल गांधी के पाले में डालते हुए स्पष्ट कर दिया कि जहां से भी मेरे नेता ‘राहुल गांधी’ कहेंगे में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिन पहले छिंदवाड़ा में कहा था कि दिग्विजय को ऐसी सीट से लड़ना चाहिए जहां से कांग्रेस 30-35 साल से नहीं जीती है। उन्होंने संकेत भी दिए थे कि वे दिग्विजय को भोपाल से चुनाव लड़ाना चाहते हैं।

दो ट्वीट - राघोगढ़ की जनता और कमलनाथ का आभार : 

1. ‘मैं राघोगढ़ की जनता की कृपा से 77 लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था। चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहां से मेरे नेता राहुल गांधी कहेंगे, वहां से चुनाव लड़ने को तैयार हूं। नर्मदे हर।

2.  ‘धन्यवाद कमलनाथ जी को जिन्होंने मप्र में कांग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं।’

गौर की चुनौती... भूलकर भी भोपाल मत आ जाना : भाजपा नेता बाबूलाल गौर ने दिग्विजय को भोपाल से चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा आ जाएं दिग्विजय भोपाल, हो जाएं दो-दो हाथ। दिखाएं अपना पराक्रम। मालूम पड़ जाएगा, यहां से जीतना लोहे के चने चबाना है। यहां भाजपा की जड़ें बहुत मजबूत हूं। भूलकर नहीं आ जाना। 


सांसद आलोक संजर ने कहा कि दिग्विजय के भोपाल से चुनाव लड़ने के संकेत से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस के पास स्थानीय स्तर पर चुनाव लड़ाने के लिए कोई नेता ही नहीं है। इसी वजह से कभी करीना कपूर का नाम आता है तो अन्य बाहरी का अब दिग्विजय का नाम सामने आया है। वे भोपाल से चुनाव लड़े हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि इतिहास भी अपने को दोहराता है। अर्जुन सिंह को भी हार का मुंह देखना पड़ा था। इसमें संदेह नहीं यही स्थिति दिग्विजय की भी भोपाल से चुनाव लड़ने में होगी। 


पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि दिग्विजय प्रदेश की किसी सरल सीट से भी चुनाव लड़ेंगे तो भी हारेंगे। हमारा आम कार्यकर्ता भी दिग्गी को कम से कम एक लाख से हरा देगा। यह कांग्रेस में विभाजन का साफ संकेत है। मध्यप्रदेश में सत्ता का संघर्ष चल रहा है। अकेले दिग्विजय के ही नहीं कांग्रेस में सबके नेता सिर्फ राहुल गांधी ही है। और तो कांग्रेस के पास कोई नेता है नहीं।

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