पुनासा (खंडवा). कहते हैं पति-पत्नी का रिश्ता ईश्वर जन्म के साथ ही तय कर देते हैं। इसमें दिव्यांगता या अन्य कोई कमी आड़े नहीं आती। यह बात एक बार फिर सच साबित हुई। पुनासा के मात्र 36 इंच ऊंचाई के धनेश को अपनी ही ऊंचाई की दुल्हन मिल गई। बड़वानी जिले के मडवाणा से एक व्यक्ति पुनासा में अपने मित्र से मिलने आए थे। उन्हें यहां धनेश दिखाई दिए। उन्हें ध्यान आया कि मडवाणा में ही इतनी ही हाइट की युवती है। उन्होंने मित्र को सुझाव दिया। चट मंगनी और पट ब्याह हो गया। बारात में पुनासा जनपद के 72 पंचायत सचिव शामिल हुए।
36 साल के धनेश ब्लाक मुख्यालय पर जनपद में नौकरी करते हैं। वे काफी समय से विवाह के लिए प्रयासरत थे, लेकिन उन्हें उनकी ऊंचाई जितनी युवती नहीं मिल रही थी। बड़वानी जिले के मडवाणा गांव से एक व्यक्ति पुनासा में रहने वाले अपने मित्र मंशाराम कुशवाह से मिलने आए। उन्होंने यहां धनेश को देखा तो बताया कि इतनी ही ऊंचाई की युवती हमारे गांव में भी है। मंशाराम ने बात चलाई। युवती के नाना ने धनेश और चेतना को मिलवाया। संतुष्ट होते ही दोनों विवाह के लिए राजी हो गए। 12 मार्च को दोनों परिणय बंधन में बंध गए।
जनपद में सचिवों की मदद करते हैं धनेश : धनेश राजवैद्य पुनासा जनपद में आकस्मिक निधि से सीएम हेल्प लाइन और जनसुनवाई का कार्य करते हैं। वे पंचायत सचिवों की मदद कर उनके कार्य आसानी से निपटा देते हैं। लंबे समय से सेवा देने के कारण वे सबके चहेते बन गए। इसी कारण उनके विवाह में जनपद की सभी 72 पंचायतों के सचिव शामिल हुए।
चेतना की सामाजिक कार्यों में है रुचि : धनेश ने हिंदी में एमए करने के साथ बीएड और पीजीडीसीए का कोर्स किया है। शिक्षा विभाग में सेवा देना चाहता है। जबकि चेतना अर्थशास्त्र में एमए करने के बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में समूह को प्रशिक्षण देने का काम करती है। समूह के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन बनाकर उसकी मार्केटिंग भी की। चेतना महिलाओं को खुद काम करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।
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