पीलूराम साहू, रायपुर . छत्तीसगढ़ में दूध को गाढ़ा रखने और सफेदी बनाए रखने के लिए डिटर्जेंट मिलाया जा रहा है। ये खुलासा फूड एंड ड्रग विभाग की जांच के बाद हुआ है। पहली बार प्रदेश में विभाग ने दूध में डिटर्जेंट मिलाए जाने की पुष्टि की है।
विभाग की टीम ने मार्च 2018 से अब तक अलग-अलग 15 सैंपल लिए, ये जानकारी उनके लैब टेस्ट के बाद सामने आई है। केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में 3 में 2 लोग डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया व पेंट वाला दूध पी रहे हैं। 68% दूध एफएसएसएआई के मापदंड पर खरा नहीं उतरता। दूध में सबसे ज्यादा मिलावट पानी की जाती है। इससे दूध की पौष्टिकता कम होती है। इसमें फैट व कैल्शियम की मात्रा घट जाती है। यह स्वास्थ्य के लिए घातक है।
मार्च 2018 से अब तक लिए गए 15 सैंपल
मिलावटी दूध को ऐसे पहचानें डिटर्जेंट वाले दूध की
मिलावटी दूध से कैंसर भी संभव : एसीआई के हार्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू, कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन व जनरल फिजिशियन डॉ. एसके चंद्रवंशी के अनुसार मिलावटी दूध से पेट के रोग, हार्ट की बीमारी व कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा दूध हमारे पाचन तंत्र पर सबसे पहले प्रभाव डालता है और उसे खराब करता है। ऐसा दूध पीने से फूड पायजनिंग की आशंका भी बढ़ जाती है। पेट में दर्द, उल्टी, गैस की शिकायत जैसे कई लक्षण मिलावटी दूध पीने के बाद सामने आते हैं।
आप भी करा सकते हैं लैब टेस्ट|दूध में मिलावट है या नहीं इसकी जानकारी लैब टेस्ट से सबसे सटीक मिलती है। प्रदेश में इसकी जांच लैब रायपुर के कालीबाड़ी स्थित फूड एंड ड्रग विभाग के ऑफिस में है। इसका निर्धारित शुल्क होता है। जांच के लिए विभाग से 0771-2226474 पर संपर्क किया जा सकता है
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