Saturday, 13th September 2025

मध्यप्रदेश / प्रदेश की 16 सीटों पर भाजपा सांसदों का विरोध

Sat, Mar 16, 2019 6:07 PM

 

  • केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार, गणेश सिंह समेत कई बड़े नेता लपेटे में
  • भोपाल में सांसद आलोक संजर भी झेल रहे हैं विरोध, कई दावेदार सामने आए

भोपाल. लोकसभा सीटों पर हार-जीत का आंकलन करने के लिए पहली बार भाजपा ने पांच टीमें बनाकर 29 सीटों की रिपोर्ट ली। इसमें विधायकों और जिलाध्यक्षों के साथ स्थानीय नेताओं ने मौजूदा सांसदों का जमकर विरोध किया। इसमें केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, गणेश सिंह समेत कई बड़े नेता लपेटे में आ गए। भाजपा के खाते में मप्र की 29 में से 26 सीटें हैं। इसमें से 16 सीटों पर मुखालफत सामने आई है। पार्टी यह रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष भेजेगी। 

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों को मौके पर यानी लोकसभा सीटों पर भेजकर राय-मशविरा किया था, लेकिन इस बार इसके लिए लोकसभा सीटों से जुड़े नेताओं को भोपाल बुला लिया गया। बहरहाल, सीट-वार फीडबैक लेने वाली पांच टीमों में एक प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, दूसरी पूर्व मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान, तीसरी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, चौथी संगठन महामंत्री सुहास भगत व नरोत्तम मिश्रा तथा पांचवी टीम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की रही।

19 मार्च को प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होगी, लिहाजा इससे पहले ही सभी 29 सीटों का फीडबैक राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा जाएगा। शाम को राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन ने लोकसभा चुनाव प्रबंध समिति की टीम के साथ अलग से बैठक की। 22 मार्च काे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मप्र के कुछ नाम तय हो जाएंगे।
 

सांसद आलोक संजर का विरोध :

सांसद आलोक संजर भी विरोध झेल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता पहले ही दावेदारी ठोक चुके हैं। महापौर आलोक शर्मा और प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा भी जोर लगा रहे हैं। शुक्रवार को पूर्व विधायक रमेश शर्मा, ध्रुवनारायण सिंह, शैलेंद्र प्रधान और जितेंद्र डागा ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी। भोपाल के नेता आरएसएस के समिधा कार्यालय से लेकर राजनाथ सिंह, एम वैंकेया नायडू और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल तक बात रख चुके हैं।

ये 4 सवाल पूछे.- कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी की छवि कैसी

1. मौजूदा सांसद के बारे में क्षेत्र में माहौल कैसा है?  

2. यदि हार रहा है तो अपना नाम छोड़कर बताओ कि दमदार विकल्प कौन होगा और उसकी स्थिति कैसी रहेगी?

3. जातिगत समीकरण, युवाओं और किसानों के बीच असरदार कौन रहेगा?  बसपा से प्रत्याशी कौन हो सकता है?  

4. कांग्रेस का नाम कौन सा है, जो प्रत्याशी हो सकता है, उसकी छवि और पकड़ कैसी है?

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