ग्वालियर। आरएसएस के सहकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को अयोध्या में राममंदिर मामले में मध्यस्थता उसी स्थिति में स्वीकार है जब मंदिर निर्धारित स्थान पर ही बने। उन्होंने कहा कि हमे राम मंदिर मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है। भैयाजी जोशी यहां आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का रविवार को समापन अवसर पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। अखिल भारतीय प्रतिनिधि में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सिर्फ पांच मिनट का मौका दिया गया। इन पांच मिनट में शाह ने पार्टी की अबतक की उपलब्धियों से सभा को अवगत कराया।
जोशी ने कहा कि 1980-90 से जो आंदोलन चल रहा है, जब तक मंदिर पूरा नहीं होगा तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा। हम न्यायालय से अपेक्षा करते हैं कि शीघ्रता से इसके संदर्भ में फैसला दें। जोशी ने कहा, हम मानते हैं कि सत्ता में बैठे हुए लोगों को अभी राम मंदिर का विरोध नहीं है। उनकी प्रतिबद्धता को लेकर हमारे मन में कोई शंका नहीं है।
जोशी ने कहा कि षड़यंत्र के तहत हिंदू समाज के तानेबाने और आस्थाओं को तहसनहस किया जा रहा है। आस्था से संबंधित निर्णय कोर्टरूम में नहीं बल्कि संतसमाज और आध्यात्मिक गुरूओं के नेतृत्व में होने वाली धर्म सभाओं में होना चाहिए। अखिल भारतीय प्रतिनिध सभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हिंदू आस्थाओं पर लगातार कुठाराघात किया जाना षड़यंत्र का हिस्सा है। इन दिनों सम्पूर्ण हिंदू समाज दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है। सबरीमाला प्रकरण इसी का एक उदाहरण है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सबरीमाला बचाओ समिति को हर तरह से समर्थन देगी।
जोशी ने पुलवामा हमले पर कहा कि पुलवामा हमले के बाद सरकार ने अच्छी पहल की और शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस कार्रवाई का हम अभिनंदन करते हैं और स्वागत करते हैं। धारा 370 के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उच्चतम न्यायालय में 35 ए को लेकर मामला लंबित है। उनकी सरकार से अपेक्षा है कि सरकार अपनी महती भूमिका निभाते हुए अपना पक्ष रखे इसे पूरा होने के बाद हम 370 के बारे में विचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि बैठक में संघ कार्य की समीक्षा और समसामयिक विषयों पर चिंतन किया गया। बैठक में इस बार पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कार्य करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही सामाजिक समरसता पर और अधिक प्रभावी रूप से कार्य करने का आग्रह स्वयंसेवकों से किया गया है। उन्होंने कहा कि संघ कार्य एक मोड़ पर पहुंच चुका है, अब कार्य विस्तार की दृष्टि से एक बड़ी छलांग लेने की आवश्यकता है।
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