Thursday, 22nd May 2025

Astrology: बदली राहू-केतु की राशि, बुध हुआ वक्री, जानिए क्या होगा असर

Fri, Mar 8, 2019 6:37 PM

मल्टीमीडिया डेस्क। 6 मार्च को बुध मीन राशि में वक्री हो गया है और 7 मार्च को राहु-केतु का राशि परिवर्तन हो गया।

राहू कर्क और केतु मकर राशि को छोड़ कर अपनी उच्च राशि मिथुन और धनु राशि में प्रवेश कर गए हैं। राहु केतु का परिवर्तन विभिन्न राशियों के व्यक्तियों पर अलग-अलग प्रभाव दिखाएगा। परिवर्तन प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा तो सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगी।

पंडित विपिन कृष्ण भारद्वाज के मुताबिक, राहु केतु के राशि परिवर्तन के बाद 23 सितंबर 2020 तक यानि 18 महीने तक इन्हीं राशियों में रहेंगे।

 

पौराणिक कथा में राहु को बिना धड़ तो केतु को बगैर सिर का बताया गया है। खगोलीय दृष्टि से यह भले ही ग्रह नहीं है। लेकिन ज्योतिष में इनका अन्य ग्रहों के बराबर महत्व है।

यह ग्रह वक्री यानि उल्टे चलते हैं। लोगों की जन्म कुंडली में इन्हीं ग्रहों के कारण काल सर्प योग बनता है। उन्होंने बताया कि केतु की शंति के लिए गणेश उपासना करें, गणेश जी को दुर्वा अर्पित करें, लाल चंदन का टीका लगाए, कंबल, छाता दान करें, गरीबों की मदद करें।

राहू-केतु का किस राशि पर क्या प्रभाव रहेगा

मेष: सम्मना बढ़ेगा, भाग्य वृद्धि

 

वृष: व्यय बढ़ेगा, हानि यात्राएं अधिक होगी

मिथुन: मतिभ्रम, संघर्ष, शत्रु वृद्धि

 

कर्क: उदर रोग, धन व्यय

सिंह: शुभ, लाभ कीर्ति

 

कन्या: शुभ, पदोन्नति, तबादला

वृश्चिक: अशुभ, कष्ट, हानि

 

धनु: रोग, व्याधि, श्रम संघर्ष

मकर: उन्नति, लाभ, श्रम

 

कुंभ: संतान चिंता, दौड़धूप

मीन: नौकरी में परेशनी, कष्ट

 

केतु का प्रभाव

मेष: वाद विवाद, कष्ट, बाधा

वृष: रोग, शोक, हानि विकार

कर्क: उन्नति, सफलता, शुभ

सिंह: भ्रम, उलझन, श्रम

कन्या: ऋण, रोग आशंति

तुला: मान, यश, श्रम

वृश्चिक: धनहानि, खिन्नता

धनु: हानि, पीड़ा, भय

मकर: विश्वासघात, हानि, रोग

कुंभ: धनलाभ, शुभ, सम्मान प्राप्त होगा

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