रायपुर. बिरगांव संतोषी नगर में कर्ज का तकादा करने वालों से परेशान होकर साहू दंपती ने आधी रात फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनके साथ उनके 18 साल के बेटे ने भी जान देने की कोशिश की। वह भी माता-पिता के साथ फंदे पर झूला। रस्सी नाइलोन की थी, इसलिए वह बच गया। रस्सी उसके भार से खिंच गई और उसके पैर जमीन से टिक गए।
माता-पिता को फंदा में लटका देखकर वह डर गया और पुलिस को खबर दी। शव बुधवार को सुबह पोस्टमाॅर्टम के बाद परिजन को सौंप दिए गए हैं। पुलिस ने सुसाइड नोट भी जब्त किया है, जिसमें कहा गया है कि कर्ज देने वाले कुछ लोग उन्हें परेशान कर रहे थे। पुलिस ने ऐसे लोगों को पूछताछ के लिए बुला लिया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी है।
उरला थाना प्रभारी अरुण नेताम ने बताया कि बिरगांव संतोषी नगर में तिल्दा का मोहनलाल साहू (45) अपनी पत्नी राधाबाई और 18 साल के बेटे सेवक के साथ पिछले पांच साल से किराए का मकान लेकर रह रहा था। मोहन ने पिछले साल दीवाली में कुरकुरे पैक करने वाली मशीन कर्ज लेकर खरीदी थी। इसके लिए उसने बैंक से 4 लाख का कर्ज लिया, कुछ परिचितों से उधार लिया और पैसे कम पड़ने के बाद साहूकारों से 10 फीसदी ब्याज पर कर्ज ले लिया। इसमें से एक साहूकार से 40 हजार लिए।
मोहन बैंक में हर महीने 13 हजार रुपए किश्त जमा कर रहा था। यही नहीं, साहूकारों को 10 प्रतिशत ब्याज भी दे रहा था। लेकिन इस दौरान कारोबार ठप होने लगा। कर्ज देने वाले धमकाने लगे तो पूरा परिवार तनाव में आ गया। बेटे ने पुलिस को बताया कि रविवार रात भी उनके घर दो लोग वसूली करने आ गए थे। उन्होंने धमकी दी थी। इसके बाद मंगलवार रात खाना खाते समय तीनों ने बातचीत की कि कर्ज चुका नहीं सकते और यह जीवनभर रहेगा। इससे मर जाना ही अच्छा है। यह सोचकर तीनों ने फांसी लगाने का फैसला कर लिया और छज्जे में रस्सी बांधकर तीनों झूल गए। मोहन और राधा की मौत हो गई।
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