नई दिल्ली. अमेरिका द्वारा जीएसपी कार्यक्रम से बाहर करने के फैसले के खिलाफ भारत वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) में अपील कर सकता है। साथ ही अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क भी बढ़ा सकता है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
अमेरिका ने 5 मार्च को भारत और तुर्की को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) से बाहर करने का फैसला लिया था। इस कार्यक्रम में शामिल विकासशील देशों को अमेरिका में आयात शुल्क से छूट मिलती है। इसके तहत भारत 1900 उत्पाद अमेरिका भेजता है। जिन पर वहां 1-6% तक इंपोर्ट ड्यूटी में छूट का फायदा होता है।
भारत इस आधार पर डब्ल्यूटीओ में जाने का फैसला करेगा कि अमेरिका दूसरे विकासशील देशों के मुकाबले उससे भेदभाव तो नहीं कर रहा। 2003 में भारत ने यूरोपियन यूनियन के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में केस जीता था। यूनियन ने भारत के टेक्सटाइल और ड्रग एक्सपोर्ट्स को जीएसपी के तहत छूट देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि डब्ल्यूटीओ में ले जाने पर मामला लंबा चल सकता है। इसलिए द्विपक्षीय वार्ता के जरिए इस विवाद को सुलझाना बेहतर विकल्प होगा।
अमेरिका ने पिछले साल मार्च में एल्युमिनियम और स्टील के भारतीय इंपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाया था। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने जून 2018 में 29 अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया। अगस्त 2018 से यह लागू होना था लेकिन, 6 बार समय सीमा बढ़ाई गई क्योंकि दोनों देशों के बीच ट्रेड पैकेज को लेकर वार्ता चल रही थी। मौजूदा डेडलाइन 1 अप्रैल है।
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