इस्लामाबाद. तनाव के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत जारी रखना चाहता है। पाक के विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि कॉरिडोर के समझौते के मसौदे (ड्राफ्ट एग्रीमेंट) पर चर्चा के लिए 14 मार्च को एक टीम भारत आएगी। 14 फरवरी को पुलवामा हमले और 26 फरवरी को भारत की एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव के बीच इसे हालात सामान्य बनाने वाले कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
कॉरिडोर बनने के बाद सिख तीर्थयात्री बिना वीजा लिए पाक स्थित करतारपुर गुरुद्वारा जा सकेंगे। बीते साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान ने अपनी-अपनी तरफ बनने वाले कॉरिडोर की आधारशिला किया था। 28 नवंबर 2016 को पाक के कार्यक्रम में भारत के दो केंद्रीय मंत्री और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए थे।
पाक के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त गौरव अहलुवालिया को बुलाकर टीम के दौरे की जानकारी दी। इस दौरे के मद्देनजर भारत में पाक के उच्चायुक्त सोहैल महमूद जल्द दिल्ली लौटेंगे।
फैसल के मुताबिक- पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल 14 मार्च 2019 को भारत जाएगा। इसका बाद भारत का डेलिगेशन 28 मार्च को इस्लामाबाद आएगा। इसमें करतारपुर के ड्राफ्ट एग्रीमेंट पर चर्चा होगी। फैसल ने यह भी कहा कि पाक हर हफ्ते मिलिट्री ऑपरेशंस पर डायरेक्टोरेट लेवल पर बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान में मंगलवार को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई और बेटे समेत 44 आतंकियों को हिरासत में लिया। मसूद अजहर का भाई अब्दुल असगर पुलवामा हमले में आरोपी है। पाक सरकार ने आतंकी निरोध एक्ट-1997 के तहत मुंबई हमले के आरोपी आतंकी हाफिज सईद के संगठनों जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर प्रतिबंध लगा दिया।
करतारपुर साहिब पाक में रावी नदी के पार स्थित है। इसे 1522 में बनाया गया था। गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से इसकी दूरी महज 4 किमी है। माना जाता है कि जिस जगह करतारपुर साहिब बनाया गया वहां गुरु नानक देव का निधन हुआ था।
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