रिलिजन डेस्क. हिंदू शास्त्रों के मुताबिक दर्श अमावस्या पर चांद पूरी रात गायब रहता है। कहते हैं कि सुख समृद्धि व परिवार के उद्धार की कामना के लिए यह दिन बहुत खास होता है। इस बार यह 6 मार्च को है। इस दिन पूर्वजों की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं। चंद्र देव उनकी प्रार्थना जरूर सुनते हैं। इस दिन चंद्र दर्शन और उपवास करने वाले लोग आध्यात्मिक संवेदनशीलता प्राप्त कर सकते हैं।
जो लोग दर्श अमावस्या के दिन पूजा करते हैं, उन्हें अपने जीवन में अच्छे भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में जिन कामों में अटकले लग रही होती हैं वे समाप्त हो जाती हैं। मान्यता है कि भगवान चंद्र देव की पूजा करने से मन को शीतलता और शांति का अहसास होता है।
इसके अलावा जिन लोगों के जीवन में संघर्ष अधिक होता है, भगवान चंद्र देव उनके रास्तों को आसान बनाते हैं। वहीं जो लोग अपने जीवन में मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं, ऐसे लोग अगर इस दिन उपवास रखकर चंद्र देव के दर्शन करते हैं तो उनकी इच्छा पूरी होती है। शास्त्रों में चंद्र देव को सबसे महत्वपूर्ण नवग्रहों में से एक माना गया है।
संध्या के समय चंद्र देव का दशोपचार पूजन करें। गाय के घी का दीपक जलाएं, कर्पूर जलाकर धूप करें, सफेद फूल, चंदन, चावल व इत्र चढ़ाएं, खीर का भोग लगाएं। पंचामृत से चंद्रमा को अर्घ्य दे तथा सफेद चंदन की माला से 108 बार "ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः" मंत्र का जप करें। पूजन के बाद का भोग किसी स्त्री को भेंट करने के लिए कहा गया है।
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