इस्लामाबाद. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संकेत दिए हैं कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का विरोध नहीं करेगा। हाल ही में फ्रांस, यूके और अमेरिका ने मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए यूएन में एक नया प्रस्ताव रखा था। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसकी जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी।
जियो टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा, "अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को अपने हितों को लेकर फैसला करना ही होगा। हम वही करेंगे, जो हमारे हित में होगा।"
यह पूछे जाने पर कि पाक का करीबी चीन इस मुद्दे पर क्या फिर से वीटो करेगा, कुरैशी ने कहा- "हम पाकिस्तान के हितों को लेकर हर पार्टियों के बीच एकराय कायम करने की कोशिश करेंगे। हमारी कुछ वैश्विक प्रतिबद्धताएं हैं। हम जो भी कार्यवाही करेंगे, उससे दुनिया में हमारी छवि को कोई नुकसान नहीं होगा।"
पिछले हफ्ते अमेरिका, यूके और फ्रांस ने यूएनएससी में एक नया प्रस्ताव रखा था जिसके तहत अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अजहर के दुनिया में कहीं भी आने-जाने, हथियार खरीदने पर रोक लगाई जाए और उसकी संपत्ति कब्जे में कर ली जाए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सेंक्शन कमेटी 10 दिन में नए प्रस्ताव को स्वीकार करेगी। अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद में इस तरह का यह चौथा प्रस्ताव लाया गया है। जैश सरगना को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए 10 साल से कोशिशें चल रही हैं।
पुलवामा हमले के बाद के हालात पर कुरैशी ने कहा, "पाक भारत के साथ जंग नहीं चाहता। हम शांति चाहते हैं। हमारे लोग नौकरियां, संस्थानों में रिफॉर्म्स और भ्रष्टाचार पर अंकुश चाहते हैं।"
पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति के द्वारा प्रतिबंधित सभी संगठनों की संपत्ति सीज करने का आदेश दिया था। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि अब प्रतिबंधित संगठनों की सारी संपत्ति पर सरकार का नियंत्रण होगा। इसमें उनके चंदा जुटाने की प्रक्रिया और एंबुलेंस सेवा भी शामिल है।
2009 में भारत ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव दिया था। 2016 में भारत ने एक बार फिर अमेरिका, यूके और फ्रांस (पी-3) के साथ मिलकर अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले का मास्टरमाइंड अजहर ही था।
2017 में पी-3 राष्ट्रों ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव दिया। अब तक जितनी बार भी प्रस्ताव दिए गए हैं, चीन ने हर बार विरोध (वीटो) किया। इसके चलते प्रस्ताव सेंक्शन कमेटी तक नहीं पहुंच सका।
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