भोपाल . प्रदेश सरकार की कर्जमाफी योजना में सहकारी बैंकों की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। पिंक आवेदनों में साढ़े पांच हजार किसानों ने खुद बताया है कि उन पर बैंकों का कोई कर्ज नहीं, जबकि जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों समेत बड़े राष्ट्रीयकृत बैंकों की सूची में इन किसानों के नाम पर लोन चढ़ा हुआ है।
सबसे ज्यादा मामले ग्वालियर के हैं। अब कृषि एवं सहकारिता विभाग इन मामलों की जांच करेंगे। इसमें राष्ट्रीयकृत बैंकों की भी मदद ली जाएगी। राज्य सरकार को संदेह है कि इन किसानों के नाम पर पिछले कई सालों से सहकारी बैंक से जुड़े लोग धोखाधड़ी कर रहे हैं। जिन भी सहकारी बैंकों में गड़बड़ी निकलेगी, उन पर सख्त कार्रवाई होगी। ग्वालियर में कुल 1232 बोगस केस सामने आए हैं। इसमें 1138 प्रकरण जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के हैं। दतिया, छतरपुर, हरदा और रीवा में भी बड़ी संख्या में प्रकरण सामने आए हैं।
जिला सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के साथ बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, मध्यांचल ग्रामीण बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल हैं।
समितियों में बैठे प्रशासक नहीं ले पाएंगे फैसला : सहकारी समितियों ने राज्य सरकार को चेताया है कि वे सहकारी बैंकों से ऋण लेकर किसानों को बांटती हैं। उनकी कोई वित्तीय समिति नहीं है। पैसा नहीं होगा तो इतनी बड़ी राशि का भुगतान कैसे करेंगे। अभी प्रशासक बैठा दिए गए हैं, जो ऋण माफी स्कीम के अंतर्गत कोई फैसला नहीं ले सकते। किसानों की अंशपूंजी पर समितियां काम करती हैं। यदि पूंजी नहीं मिलेगी तो समितियां खत्म हो जाएंगी।
बोगस केस जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ग्वालियर के सर्वाधिक
छतरपुर और सिवनी में भी फर्जी मामले ज्यादा
जिला | कुल मामले | सहकारी बैंक |
छतरपुर | 652 | 630 |
दतिया | 597 | 557 |
ग्वालियर | 1232 | 1138 |
रीवा | 203 | 194 |
शिवपुरी | 186 | 175 |
हरदा | 229 | 221 |
होशंगाबाद | 178 | 171 |
सिवनी | 634 | 627 |
सागर | 612 | 505 |
भोपाल में एक पिंक आवेदन, वो भी सहकारी बैंक का : कर्जमाफी स्कीम में भोपाल से एक ही पिंक आवेदन भरा गया और वो भी जिला सहकारी बैंक का है। सतना के 20 में से 20 मामले सहकारी बैंक के हैं। रायसेन में 23 केस पंजाब नेशनल बैंक के, पन्ना में 13 मामले एसबीआई के। छतरपुर-दतिया में एसबीआई के 18-18, दतिया में पीएनबी के 18 और ग्वालियर में 87 केस एसबीआई के हैं।
सरकार को समितियों की धमकी कर्जमाफी से बिगड़ेगी स्थिति : सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के बाद अब सहकारी समितियों ने भी सरकार को धमकी दी है कि कर्जमाफी स्कीम से तो समितियों की स्थिति बिगड़ जाएगी। सहकारिता आयुक्त और राज्य सरकार के इस फैसले के विरोध में वे कलमबंद हड़ताल कर सकते हैं। एक दिन पहले कैबिनेट बैठक में सहकारिता मंत्री द्वारा सहकारी बैंकों की खस्ता हालत का जिक्र किया गया तो वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग जैन ने भरोसा दिलाया कि शेयर कैपिटल के जरिए राशि बैंकों को दी जाएगी।
सीएम बोले- ‘कलेक्टर’ नाम बदलना चाहता हूं, ‘फेसिलिटेटिंग ऑफिसर’ ज्यादा अच्छा रहेगा : कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैं ‘कलेक्टर’ नाम बदलना चाहता हूं। आप लोग सुझाव दें कि नया नाम क्या हो सकता है। ‘कलेक्टर’ नाम ब्रिटिशकाल से चला आ रहा है। जनता व लोकतंत्र के अनुरूप हो, ऐसा नाम सुझाएं। पहले भी आपसे कह चुका हूं, अब फिर कह रहा हूं। अन्यथा मुझे ‘फेसिलिटेटिंग ऑफिसर’ नाम ठीक लग रहा है। सीएम ने कर्जमाफी को लेकर कलेक्टर से पूछा कि कोई दिक्कत हो तो बताएं।
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