Saturday, 26th July 2025

आतंक के खिलाफ एकजुट / मसूद पर प्रतिबंध के लिए अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में दिया प्रस्‍ताव

Thu, Feb 28, 2019 6:34 PM

 

  • सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति को प्रस्ताव पर 10 दिन में विचार करना होगा
  • प्रस्‍ताव में मसूद अजहर की वैश्विक यात्राओं पर प्रतिबंध और उसकी सभी संपत्ति फ्रीज करने की भी मांग
  • मसूद पर प्रतिबंध के लिए भारत, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन पहले भी कोशिश कर चुके, चीन लगाता रहा अड़ंगा

नई दिल्‍ली. पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के चीफ मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र (यूएन) की सुरक्षा परिषद में प्रस्‍ताव लाया गया है। बुधवार को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने यह प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, चीन ने प्रस्‍ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस प्रस्‍ताव में पुलवामा आतंकी हमले का भी जिक्र है।

फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने प्रस्ताव में मसूद की वैश्विक यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने और उसकी सभी संपत्ति फ्रीज करने की मांग भी रखी है। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में भारतीय सुरक्षाबलों के 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। 

1 मार्च को फ्रांस बन जाएगा सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष
फ्रांस सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और उसके पास वीटो पॉवर है। एक मार्च को इसकी अध्यक्षता इक्वेटोरियल गुयाना से फ्रांस के पास चली जाएगी। 

3 बार पहले भी पेश हुआ प्रस्ताव, हर बार चीन ने अड़ंगा लगाया

मसूद पर प्रतिबंध लगाने के लिए पिछले 10 साल में चौथी बार प्रस्ताव लाया गया है। 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था। 2016 में भारत, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से दूसरी बार प्रस्ताव लाया। तीसरी बार 2017 में भी ऐसा ही प्रस्ताव लाया गया। चीन ने हर बार इसे तकनीकी तौर पर गलत बताकर रोक दिया। 

पुलवामा हमले के बाद भी चीन का अड़ियल रवैया
पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली। इसके बाद चीन ने कहा कि हम किसी भी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं। लेकिन जहां तक मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का मामला है तो हम इसे जिम्मेदार तरीके से देखेंगे। 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन समेत 5 स्थाई सदस्य
अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं। इनके अलावा अर्जेंटीना, बहरीन, ब्राजील, कनाडा, गैबोन, गाम्बिया, मलेशिया, नामीबिया, नीदरलैंड्स और स्लोवेनिया इसके अस्थाई सदस्य हैं। 

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