नई दिल्ली/इस्लामाबाद. आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव लगातार बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा हमले पर जारी निंदा प्रस्ताव और टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फायनेंशियल एक्शन टाक्स फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा उसे ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने के फैसले के चंद घंटे बाद पाकिस्तान ने आतंकी मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्यालय को नियंत्रण में ले लिया। जैश ने ही पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमला किया था।
दरअसल, यूएनएससी के निंदा प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद का नाम लिया गया था। फिर शुक्रवार को एफएटीएफ की पेरिस मुख्यालय में हुई बैठक में आतंकवाद के खिलाफ पाक की कार्रवाई सीमित बताते हुए उसे ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखने का फैसला किया गया। इस लिस्ट में होने से एफएटीएफ के सदस्य देशों से आर्थिक मदद नहीं मिलती।
जैश के कैंपस में प्रशासक नियुक्त किया
जैश-ए-मोहम्मद के पाक में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला सहित पूरे परिसर को नियंत्रण में लेकर वहां प्रशासक नियुक्त किया गया है। इस परिसर में करीब 600 छात्र और 70 अध्यापक रहते हैं। पंजाब पुलिस इस कैंपस को सुरक्षा मुहैया करवाती है। बहावलपुर लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर है। वहीं पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शुक्रवार को एलओसी का दौरा किया।
चीन के अड़ंगे के बावजूद यूएन में पाक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास
चीन के अड़ंगा लगाने से पुलवामा हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र में निंदा प्रस्ताव पारित होने में एक सप्ताह की देरी हुई। चीन को आतंकवाद शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति थी। बाद में अमेरिका के सहयोग से प्रस्ताव पारित हुआ। पुलवामा हमले के विरोध में सुरक्षा परिषद 15 फरवरी को ही निंदा प्रस्ताव पास कर रही थी, लेकिन चीन ने 18 फरवरी तक का समय मांगकर इसे टालने की कोशिश की। दो बार तो चीन ने कई बदलाव रखे, जिससे प्रक्रिया को टाला जा सके। वहीं पाक ने संयुक्त राष्ट्र का बयान जारी करने में रुकावट की कोशिश की।
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