विशाखापट्टनम. विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज शुरू होने से पहले शनिवार को वर्ल्ड कप टीम के अपने साथियों को अहम सलाह दी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने कहा कि वर्ल्ड कप से पहले खिलाड़ी खुद को वनडे के फॉर्मेट में ढाले रहें। आईपीएल के दौरान बुरी आदतों से बचें और वर्कलोड का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करें।
भारतीय कप्तान मानते हैं कि वर्ल्ड कप की तैयारियों के मद्देनजर टी-20 मैच की जगह दो वनडे मुकाबले होने चाहिए थे। इससे दोनों टीमों को फायदा होता। उन्होंने कहा, ‘शायद, दो वनडे ज्यादा होने से दोनों टीमों को लाभ होता। यह ज्यादा उपयुक्त और तार्किक होता।’
आईपीएल और वर्ल्ड कप के बीच सिर्फ 2 हफ्ते का अंतर
वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 और वनडे सीरीज भारत की आखिरी सीरीज है। भारतीय खिलाड़ियो को इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलना है। आईपीएल के मुकाबले 23 मार्च से होने हैं। सात सप्ताह तक चलने वाली इस लीग का फाइनल 12 मई को हो सकता है। 30 मई से वर्ल्ड कप के मुकाबले शुरू होने हैं। ऐसे में दोनों टूर्नामेंट में खेलने वालों खिलाड़ियों को सिर्फ दो सप्ताह का ब्रेक मिलेगा। वर्ल्ड कप में भारत का पहला मैच पांच जून को दक्षिण अफ्रीका से होना है।
जैसा पिछले कुछ साल से खेल रहा वैसा ही खेलूंगा : विराट
कोहली को लगता है कि वर्ल्ड कप से पहले आईपीएल होने के कारण खिलाड़ी वनडे फॉर्मेट के सेट-अप से भटक सकते हैं। उन्होंने कहा, जो भी खिलाड़ी विश्व कप टीम का हिस्सा बनने वाले हैं, वे इस बात का ध्यान रखें कि उनका खेल वनडे के फॉर्मेट से ज्यादा नहीं भटके। इसके लिए उन्हें आईपीएल के दौरान बुरी आदतों से बचना होगा। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैं उसी तरह से खेलूंगा, जैसा पिछले कुछ साल में सभी फॉर्मेट में खेला है। कुछ नया नहीं करूंगा, क्योंकि विश्व कप में मानसिकता सबसे अहम है। हमें ऐसे 15 लोगों की जरूरत है जो आत्मविश्वास से भरे और अपने खेल को लेकर मानसिक तौर पर खुश हों। आईपीएल के दौरान इसे बनाए रखने के लिए सभी को मेहनत करनी होगी।’
अभ्यास की सीमा खुद तय करें
कोहली ने कहा, ‘आईपीएल के दौरान आप जितना अभ्यास करते हैं, सफर करते हैं। अलग-अलग हालात, मौसम में मैच खेलते हैं, ऐसे में यह काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है। हालांकि, बतौर क्रिकेटर आपको खुद तय करना होगा कि कितनी प्रैक्टिस की जरूरत है। अगर आप गेंद को अच्छे से हिट कर रहे हैं तो अभ्यास सेशन में जाकर तीन घंटे तक खुद को थकाने की जरूरत नहीं है। आप उस समय का इस्तेमाल आराम और रिकवरी के लिए कर सकते हैं।’
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