स्टार रेटिंग | 1/5 |
स्टारकास्ट | अजय देवगन, माधुरी दीक्षित, अनिल कपूर, संयज मिश्रा और रितेश देशमुख |
डायरेक्टर | इंदर कुमार |
प्रोड्यूसर | इंदर कुमार, अशोक ठकेरिया |
जॉनर | एडवेंचर कॉमेडी |
बॉलीवुड डेस्क. इंदर कुमार की टोटल धमाल रिलीज हो गई है। ये धमाल फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म हैं। पहली फिल्म 2007 में आई थी तो दूसरी फिल्म डबल धमाल 2011 में इन दोनों फिल्मों के बाद इंदर ने पहले दो फिल्मों की ही तरह एडवेंचर कॉमेडी फिल्म टोटल धमाल बनाई। ट्रेलर और प्रोमोज देखकर ऑडियंस ने काफी उम्मीद गाई है कि ये पहले 2 फिल्मों की तरह उन्हें लोप-पोट होने पर मजबूर कर देगी। अजय देवगन, अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, रितेश देशमुख, अरशद वारसी, जावेद जाफरी, संजय मिश्रा, बोमन ईरानी और पितोबश त्रिपाठी जैसे कलाकार फिल्म में मौजूद हैं। आइए जानते हैं फिल्म कैसी है?
इसकी कहानी शुरु होती है, गुड्डू (अजय देवगन) पिंटू (मनोज पाहवा) और जॉनी (संजय मिश्रा) तीन दोस्तों से शुरू होती हैं, जो 50 करोंड़ रुपयों से भरे एक बैग के पीछे हैं। ये 50 करोड़ का बैग पिंटू के हाथ लग जाता है और वो इसे अपने दो साथियों गुड्डू और जॉनी को धोखा देकर एक zoo में छुपा कर भाग जाता है है। दोनों पिंटू को ढूंढ निकालते हैं, लेकिन उस वक्त तक इन पैसों का पता अविनाश (अनिल कपूर) और बिंदू (माधुरी दीक्षित नेने), लल्लन (रितेश देशमुख) और झिंगुर (पितोबश त्रिपाठी) के अलावा आदित्य (अरशद वारसी) और मानव (जावेद जाफरी) को लग जाता है। फिर क्या इन सबके बीच पैसों को लूटने की होड़ मच जाती है। फिल्म में वैसे तो अविनाश और बिंदू लड़ते झगते दिखाया गया है, नौबत डिवॉर्स तक आ जाती है लेकिन वो भी इन पैसों के लिए झगड़ा एक तरफ रख देते हैं। ये पैसा एक करप्ट पुलिस कमिश्नर बोमन ईरानी का है और वो भी इन पैसों की ढूंढने में जुट जाता है। अब ये पैसा किसके हाथ लगता है ये सस्पेंस तो फिल्म देखने के बाद ही आपको पता चलेगा।
धमाल फ्रेचाइजी की दो फिल्मों की सक्सेस के बाद उम्मीद की रही है कि तीसरी फिल्म यानी टोटल धमाल में कुछ कमाल होने वाला है, लेकिन अफसोस इंदर कुमाल की तीसरी फिल्म काफी कमजोर है। फिल्म में कई बड़े स्टार्स का जमघट है। कमजोर लेखन और कमजोर डायरेक्शन की वजह से फिल्म काफी बोरिंग लगती है। इंदर इतनी अच्छी कास्ट के साथ और बेहतर काम कर सकते थे।
फिल्म में अजय देवगन का किरदार डबल धमाल के संजय दत्त की याद दिलाता है। फिल्म में माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर को एक साथ देखना काफी अच्छा लगता है। ये दोनों दर्शकों को हंसाने में कामयाब नजर आते हैं। वहीं बाकी कलाकारों की बात करें तो उनका काम ठीक ठाक ही लगता है। फिल्म में ऐसा कोई दमदार सीक्वेंस हो जो आपको लंबे वक्त तक याद रहे। फिल्म सोनाक्षी सिन्हा का ऑइटम सॉन्ग काफी अच्छा है। ये पुराने गाने मुंगड़ा का रिमेक हैं जो नाचने पर मजबूर करता है। इस पूरी फिल्म का निचोड़ केवल यही है कि अगर आपको फिल्म देखनी है तो दिमाग घर पर रख कर जाएं।
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