नई दिल्ली. सरकार ने 12 बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए 48,239 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। कॉरपोरेशन बैंक को सबसे ज्यादा 9,086 करोड़ रुपए मिलेंगे। पीएनबी में 5,908 करोड़ रुपए की रकम डाली जाएगी। रिकैपिटलाइजेशन के तहत मिलने वाली रकम से बैंकों के पास आरबीआई के नियम पूरे करने के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो पाएगी।
किस बैंक को कितनी रकम मिलेगी ?
बैंक | रिकैपिटलाइजेशन राशि (रुपए) |
कॉरपोरेशन बैंक | 9,086 करोड़ |
इलाहाबाद बैंक | 6,896 करोड़ |
पीएनबी | 5,908 करोड़ |
बैंक ऑफ इंडिया | 4,638 करोड़ |
यूनियन बैंक | 4,112 करोड़ |
इंडियन ओवरसीज बैंक | 3,806 करोड़ |
यूको बैंक | 3,330 करोड़ |
आंध्रा बैंक | 3,256 करोड़ |
यूनाइटेड बैंक | 2,839 करोड़ |
सेंट्रल बैंक | 2,560 करोड़ |
सिंडिकेट बैंक | 1,603 करोड़ |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 205 करोड़ |
बैंकों को रकम क्यों दी जा रही ?
बैंकों को रिकैपिटलाइजेश के तहत रकम इसलिए दी जा रही है ताकि वो पर्याप्त पूंजी के रिजर्व बैंक के नियम को पूरा कर सकें। उन बैंकों को आरबीआई की प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) लिस्ट से बाहर होने में मदद मिल सके जो इसमें शामिल हैं। साथ ही पीसीए की कगार पर पहुंच चुके बैंक इससे बच सकें।
पीसीए लिस्ट में ये 8 बैंक शामिल
क्या है प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन ?
एनपीए, रिटर्न ऑफ असेट्स, और कैपिटल टू रिस्क वेटेड असेट्स रेश्यो के मापदंड़ों का उल्लंघन करने पर किसी बैंक को पीसीए लिस्ट में डाल दिया जाता है। ऐसे बैंकों पर कर्ज बांटने और गैर जरूरी खर्चों पर रोक लागू हो जाती है। बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स भी इस लिस्ट में शामिल हुए थे लेकिन पिछले महीने वो बाहर हो गए।
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