भोपाल। बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही। हंगामें की बीच वित्तमंत्री तरुण भनोत ने लेखानुदान पेश किया। इस पर चर्चा जारी है। प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि व्यापमं बंद करने की कोई योजना नहीं है। दोपहर बाद छिंदवाड़ा के विधायक दीपक सक्सेना विधानसभा से त्यागपत्र दे दिया। अब इस सीट से मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव लड़ेंगे।
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा में भारी हंगामा हुआ है। मंदसौर गोली कांड पर विपक्षी विधायकों ने सरकार पर सदन की अवमानना का आरोप लगाया है। दरअसल, सोमवार को मंदसौर गोली कांड और नर्मदा किनारे पौधरोपण के मामले में सही ठहराया गया था। मंगलवार को इस मामले में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों सदन के बाहर अलग तरह की बातें कहीं थी। इधर, भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सदन की कार्यवाही प्रभावित कर रहे हैं।
विधानसभा में बजट सत्र की कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ विशेषाधिकार भंग की सूचना देने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि लंबे वक्त के बाद भाजपा विपक्ष में बैठी है। भाजपा का सफर मंगलमय हो। विपक्ष हमें संविधान का पाठ न पढ़ाए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि मंत्रियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
प्रश्नकाल के बाद दोपहर करीब साढ़े बारह बजे वित्त मंत्री तरुण भनोत विधानसभा में अगले चार महीने का खर्च चलाने के लिए 89 हजार 400 करोड़ रुपए का लेखानुदान पेश किया। लोकसभा चुनाव की वजह से राज्य सरकार वार्षिक बजट पेश नहीं कर रही है। इस कारण लेखानुदान लाया गया है।
लेखानुदान का मतलब ऐसे समझा जा सकता है कि सरकार अगले कुछ महीनों के लिए बजट से पैसे उधार ले रही है, जब बजट पेश होगा तो लेखानुदान की राशि कम कर दी जाएगी। इससे पहले वर्ष 2014 और 2009 में भी लेखानुदान आ चुका है। लेखानुदान में के समय न तो कोई नया कर लगाया जाता है और न ही कोई नई घोषणा की जाती है। मतलब ये कि जैसा चल रहा है वैसा अगले चार महीने और चलता रहेगा। लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में पूर्ण बजट आएगा।
छिंदवाड़ा से विधायक दीपक सक्सेना ने इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने उनका त्यागपत्र मंजूर भी कर लिया है। बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले दीपक सक्सेना ने अध्यक्ष से मुलाकात की थी। इस सीट पर आगामी लोकसभा चुनाव के साथ चुनाव होगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ यहां से विधायक का चुनाव लड़ेंगे। उल्लेखनीय है दीपक सक्सेना को विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज विधानसभा में कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के पास फिलहाल व्यापमं को बंद करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कमलनाथ ने विधायक हर्ष विजय गेहलोत के एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि व्यापमं वित्तीय अधिकार प्राप्त है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को परीक्षा शुल्क के निर्धारण का अधिकार है। अत: यह कहना सही नहीं है कि बेरोजगारों के साथ किसी प्रकार का छलावा किया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग में व्यापमं को बंद करने जैसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठा 10 फीसदी आरक्षण देने का मुद्दा। भाजपा के विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन के जरिए गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की है। कई राज्य से इसे लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की बात कही गई है, हम इसको लेकर मंत्रिमंडल की सब कमेटी बना रहे हैं वह यह देखेगी कि इसे कैसे क्रियान्वित किस रूप में किया जा सकता है।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भिंड-मुरैना जिले में खुलने वाले सैनिक स्कूल का मामला उठाया। उन्होने कहा कि सीमाओं पर देश की सुरक्षा के लिए प्रदेश के इन दो जिलों से सबसे ज्यादा युवा सेना में भर्ती होते हैं। केंद्र सरकार ने यहां सैनिक स्कूल खोलने की मंजूरी दी थी उसका क्या हुआ। शिवराज सिंह के प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पूरी कैबिनेट स्कूल खोले जाने के पक्ष में है। लेकिन हमारे पास पैसा नहीं है। आप केंद्र में अपने प्रभाव का उपयोग कर पैसे दिलवाएं तो हम स्कूल का काम शुरू कर देंगे। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि आपकी सरकार खाली खजाना छोड़कर गई है। इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमने सरप्लस राजस्व आपको सौंपा था।
मध्यप्रदेश सरकार की मीसाबंदियों को दी जाने वाली सम्मान राशि को रोकने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने आज विधानसभा में विधायक डॉ नरोत्तम मिश्रा के एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मीसाबंदियों के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकाल के द्वारा कांग्रेस विधायक केपी सिंह ने पूछा कि शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की भर्ती में गड़बड़ियां हुई है, उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है। इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधो ने बताया कि जांच कराई जा रही है, उनके इस जवाब पर केपी सिंह ने फिर सवाल उठाते हुए कहा कि कमिश्नर की जांच अपर कलेक्टर से कराई जा रही है। जाहिर है कि इसका कुछ भी नतीजा नहीं निकलेगा। के पी सिंह को यशोधरा राजे सिंधिया का साथ भी मिला।
सत्र के दौरान नगरीय निकाय चुनाव में कुष्ठ रोगियों को पात्रता संबंधी विधेयक पेश किया जाना है। इस विधेयक के पारित होने पर कुष्ठ रोगियों को नगरीय निकाय चुनाव में लड़ने की पात्रता मिल जाएगी। अब तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक है। कुष्ठ रोग साध्य होने के कारण यह रोक हटाई जाना है। इसके साथ ही पंचायत और तकनीकी शिक्षा से संबंधित विधेयक भी विधानसभा में पेश किए जाने हैं। सत्र शुरू होने के पहले सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी होगी।
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बताया कि सत्र के लिए अब तक विधानसभा सचिवालय में कुल 727 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। ध्यानाकर्षण की 167, स्थगन की आठ, शून्यकाल की 64 सूचनाएं और तीन याचिकाएं मिली हैं। वर्तमान विधानसभा के प्रथम बार चुने विधायकों ने 309 प्रश्न लगाए हैं।
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