भोपाल। प्रदेश के एक सीनियर पुलिस अधिकारी पर एक महीने से अपने घर में पिता शव रखने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि आईपीएस के पिता की मौत एक महीने पहले ही हो चुकी है। राजधानी के एक निजी अस्पताल ने उनका मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार आईपीएस राजेंद्र कुमार मिश्रा पीएचक्यू में पदस्थ हैं। भोपाल में 74 बंगला इलाके में डी-7 में रहते हैं। 13 जनवरी को उनके 84 वर्षीय पिता कालूमणि मिश्रा को गंभीर हालत में बंसल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 14 जनवरी को उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल ने कालूमणि मिश्रा की मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया। आईपीएस अफसर भी अपने पिता का शव लेकर अपने बंगले आ गए और अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे।
ऐसे खुला राज: बताया जा रहा है कि इसी बीच परिजनों को कालूमणि मिश्रा के शव में कुछ हरकत दिखाई दी। इसके बाद राजेंद्र मिश्रा ने शव वाहन को यह कहकर वापस भेज दिया कि पिता के प्राण वापस आ गए हैं। इसके बाद से अफसर के दबाव में बंगले पर ड्यूटी करने वाले एसएएफ के दो सुरक्षा कर्मी उनकी देखरेख में लगे थे। दोनों बीमार हो गए तब मामले की हकीकत सामने आई। उन दोनों जवानों ने साथियों को बताया कि बंगले पर आयुर्वेदिक डॉक्टरों के साथ दूर-दराज से तांत्रिक भी झाड़-फूंक करने आ रहे हैं।
क्या कहते हैं आईपीएस अफसर: पिता की लाश घर में रखने के सवाल पर आईपीएस राजेंद्र मिश्रा का कहना है कि 13 जनवरी को पिताजी बंसल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। उन्हें लंग्स इनफेक्शन था। 14 जनवरी की शाम डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद पिता को घर ले आए। पिता जीवित हैं, उनका आयुर्वेदिक उपचार चल रहा है। घर पर डॉक्टर उपचार करने आ रहे हैं। हालत बहुत सीरियस है, इसलिए वे उन्हें दिल्ली-मुंबई किसी बड़े हॉस्पिटल में ले जाने में असमर्थ हूं।
आईपीएस राजेंद्र कुमार मिश्रा 13 जनवरी को पिता को लेकर बंसल हॉस्पिटल आए थे। 14 जनवरी की शाम उनकी मौत हो गई। जिसका हमने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी किया है।
लोकेश झा, प्रबंधक बंसल हॉस्पिटल
अस्पताल लाने के अगले दिन 14 जनवरी को कालूमनी मिश्रा की डेथ हो गई थी। उन्हें मल्टीपल कॉम्प्लीकेशन थे। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
डॉक्टर अश्वनी मल्होत्रा
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