Sunday, 25th May 2025

छत्तीसगढ़ / लचर कानून व्यवस्था पर सदन में हंगामा, विधानसभा अध्यक्ष की आपत्ति पर भाजपा का वॉकआउट

Tue, Feb 12, 2019 10:11 PM

 

  • ध्यानाकर्षण सूचना के दौरान भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने किया था गृहमंत्री से सवाल
  • योजनाओं का नाम बदले जाने पर भी टकराव, सरकार पर दूषित मानसिकता का लगाया आरोप

रायपुर.  विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार को राजधानी रायपुर सहित प्रदेश की कानून व्यवस्था की लचर स्थिति के सवाल को लेकर हंगामा हो गया। भाजपा विधायक के पूछे सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष की आपत्ति के बाद भाजपा ने सदन से वॉक आउट कर दिया। 

बृजमोहन ने पूछा- प्रदेश में कितने मर्डर, कितनी लूट की घटनाएं हुईं

  1.  

    दरअसल, ध्यायनाकर्षण सूचना के दौरान भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पुलिस की लापरवाही से कानून व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। रायपुर के चंगोराभाठा इलाके में एक ज्वेलरी दुकान में लूट हो गई। टिकरापारा थाने के पास से ज्वेलरी व्यवसायी के साथ लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया, गोली मारी गई। 

     

  2.  

    इस तरह अन्य घटनाएं भी हुई। उन्होंने कहा कि जब राजधानी सुरक्षित नहीं है तो अन्य शहरों का क्या हाल होगा, ये अनुमान लगाया जा सकता है।  राजधानी के स्कूल कॉलेजों के पास युवतियों से छेड़छाड़ की घटना में इजाफा हुआ है। 

     

  3.  

    इस पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि सभी क्राइम की घटनाओं को कंट्रोल करने सभी कार्य हो रहे हैं। शासन के प्रति आम जनता का विश्वास बना हुआ है। लोगो में किसी प्रकार का रोष व्याप्त नहीं है। इस पर विधायक अग्रवाल ने पूछा कि प्रदेश में कानून की स्थिति क्या है? कितने मर्डर और लूट की घटनाएं हुई हैं?

     

  4.  

    इस सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति जताई, तो विपक्ष ने उन पर ही सवाल उठा दिया। कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है। आसंदी का विपक्ष को संरक्षण मिलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदस्यों को आसंदी से अपेक्षा होती है। आसंदी की व्यवस्था के विरोध में भाजपा विधायकों ने वॉक आउट कर दिया।

     

  5. मंत्री डहरिया ने कहा- शुरुआत आपने की, और प्रजातंत्र की दुहाई दे रहे

     

    शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने महापुरुषों के नाम पर योजनाओं को लेकर स्थगन पर चर्चा की मांग रखी। इस दौरान दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की गई योजनाओं का नाम बदले जाने पर विपक्ष नाराज हुआ। 

     

  6.  

    अजय चंद्राकर ने कहा कि महात्मा गांधी की तस्वीर को यहां लगाई गई है। महापुरुष किसी भी विचारधारा से आए उनके आदर्शों को माना जाता है। नाम बदला जाना घोर अलोकतांत्रिक है। इस प्रक्रिया को बदला जाना चाहिए। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ये अच्छी बात नहीं है। 

     

  7.  

    मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि वर्ष 2004 में इसकी शुरुआत तो आपने ही की है, और अब प्रजातंत्र की दुहाई दे रहे हैं। इंदिरा गांधी-राजीव गांधी के नाम पर बनी योजनाओं के नाम आप लोगाें ने बदल दिए थे। राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम आप लोगों ने बदला। 

     

  8. विचारधारा को कुचरने का किया जा रहा प्रयास

     

    इस पर विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि नई सरकार नई योजना बनाकर महापुरुषों के नाम पर शुरू करे हमे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जिन योजनाओं को महापुरुषों के नाम पर शुरू किया गया उसका नाम बदलना उचित नहीं है।

     

  9.  

    बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह स्थगन का विषय है क्योंकि एक विचारधारा को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। अगर यह परंपरा शुरू हो गई तो देश मे क्या स्थिति बनेगी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये सरकार की दूषित मानसिक सोच को दर्शा रहा है। 

     

  10.  

    दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर संचालित योजनाओं का नाम बदला जाना महापुरुषों का अपमान है। इस पर कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि यूपीए ने 920 करोड़ रुपए राजीव गांधी विद्युतीकरण के नाम पर दिए थे, पर भाजपा सरकार ने इसे दीनदयाल विद्युतीकरण योजना बना दिया था।

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