भिलाई. बहुचर्चित ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मृतक के घर की पिछली स्ट्रीट में रहने वाले डायल 112 के आरक्षक राम प्रकाश यादव ने ही उसकी हत्या की थी। ट्रांसपोर्टर का शव उसी के खुर्सीपारा स्थित मकान में मिला 12 दिन पहले मिला था।
जानकारी के मुताबिक, आरक्षक राम प्रकाश यादव और ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह की एक-दूसरे से परम मित्रता थी। इसके चलते दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना भी था। एक दिन मौका पाकर सूरज सिंह ने राम प्रकाश की पत्नी का एमएमएस बना लिया और उसे ब्लैकमेल करने लगा।
इससे भड़का आरक्षक राम प्रकाश ने उससे बदला लेने की ठान ली। इसी बीच 29 जनवरी को अपनी छुट्टी के दिन मौका लगते ही उसने खुर्सीपारा स्थित घर जाकर हथौड़ा मारकर सूरज की हत्या कर दी। इसके बाद बाहर से दरवाजे पर ताला डालकर भाग निकला।
खुर्सीपार जोन-3 सड़क 4 निवासी आरक्षक राम प्रकाश छावनी थाने में डायल 112 में तैनात है। सूरज के उसकी काफी समय से जान-पहचान थी। हमेशा उसके घर आना-जान भी करता था। इसका फायदा उठाकर मृतक सूरज ने उसकी पत्नी का एमएमएस बनाकर उसे ब्लैकमेल करने लगा। इस वजह से पत्नी पर शक करने लगा।
आईजी रतनलाल डांगी ने बताया, टीम को घटना वाले दिन आरक्षक राम प्रकाश के सूरज से मिलने की जानकारी मिली। पूछताछ में आरक्षक के संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर शक और गहरा गया। इसके बाद मोबाइल टॉवर की लोकेशन ट्रैस की गई तो उसके झूठ का पर्दाफाश हो गया।
उसी आधार पर जब उससे कई दफा इंटेरोगेशन किया तो गया तो अंतत: उसने अपना गुनाह कबूल लिया। हत्या के बाद उसने मरोदा पान की टंकी में हथौड़ा और मोबाइल फेंक दिया थे। पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है।
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