Sunday, 8th June 2025

शौक बना जुनून / देश की पहली महिला जो 18 से ज्यादा रेप्टाइल कर चुकी हैं रेस्क्यू

Sun, Feb 10, 2019 1:31 AM

 

  • अरुणिमा सिंह पिछले 6-7 साल से एलिगेटर, मगरमच्छ और घड़ियाल को बचाने का काम कर रही हैं
  • उन्होंने बताया कि इस शौक की शुरुआत स्कूल में मिले एक प्रोजेक्ट से हुई थी

भोपाल . एलिगेटर, मगरमच्छ और घड़ियाल को पानी के अंदर से पकड़ने में अच्छे-अच्छों को पसीना आ जाता हैं, लेकिन अरुणिमा सिंह देश की पहली ऐसी महिला हैं जो रेप्टाइल को रेस्क्यू करती हैं। इन्होंने अब तक 18 से अधिक घड़ियाल और मगरमच्छ जैसे खतरनाक जलीय जीवों को रेस्क्यू किया है।

 

 

ये घड़ियाल और मगरमच्छ पकड़ने में माहिर हैं। शहर के कलियासोत डैम में संकट में फंसे घड़ियाल को पकड़ने में वन विभाग की टीम ने हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन अरुणिमा ने दो घड़ियाल रेस्क्यू कर वन विहार पहुंचा दिए। अरुणिमा लखनऊ के कुकरैल घड़ियाल पुनर्वास केंद्र की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर हैं। वे 6-7 साल से यह काम कर रही हैं।

 

'अब रेप्टाइल ही मेरी जिंदगी'

 

अरुणिमा सिंह ने बताया, "मैं आम लड़कियों की तरह पली, बढ़ी हूं। मेरे पिता स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी थे। मेरा एक बड़ा भाई है और मां हाउस वाइफ हैं। एक बार मुझे स्कूल में वाइल्ड लाइफ पर एक प्रोजेक्ट बनाने को मिला। मैंने पिता को बताया तो उन्होंने मुझे लखनऊ के चिड़ियाघर में ले जाकर खड़ा कर दिया। वहां जाकर पहली बार वाइल्ड लाइफ को देखा तो उनसे प्यार हो गया। उसके बाद घर जाकर प्रोजेक्ट बनाया, जिसे इतना पंसद किया गया कि उसे स्कूल में ही रख लिया गया। इसके बाद शौक जुनून में बदल गया। जीव विज्ञान विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। कछुओं के ऊपर पीएचडी कर रही हूं। इसके बाद वाइल्ड लाइफ के लिए काम करने वाली संस्था से जुड़ गई। फिर तो मेरे जुनून को एक अर्थ मिल गया। एक टीम मिली जिसकी वजह से देशभर में जाकर रेप्टाइल जैसे घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुआ, डॉल्फिन सहित अन्य जलीय जीव को रेस्क्यू कर चुकी हूं। मेरी टीम में देश के बहुत ही बेहतरीन सहज और सरल मछुआरे हैं। वरिष्ठ शैलेंद्र सिंह, सुरेश पाल, हिमांशु आदि का सहयोग मिलता है, जिसकी वजह से सारे रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहे हैं।"

 

 

 

10 घंटे में पकड़ाया दूसरा घड़ियाल

 

  • कलियासोत डैम में शुक्रवार को इटावा से आई टीम ने शाम 5 बजे दूसरा घड़ियाल भी पकड़ लिया। 166 किलो वजनी घड़ियाल को बंधकर किनारे तक लाने में काफी मशक्कत करना पड़ी। साथी घड़ियाल के पकड़े जाने के बाद इसने इलाका छोड़ दिया था। वह नंदनी गौशाला वाली साइट पर पानी में ही छिपा बैठा रहा। सुबह 7 बजे से टीम ने दोपहर 12 बजे तक पूरा इलाका छान मारा, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद अरुणिमा सिंह ने मछुआरे संत पाल सिंह के साथ नाव में बैठकर सर्चिंग शुरू की। दोपहर 1 बजे जब वह सांस लेने ऊपर आया तो टीम ने उसे घेर लिया।
  • घड़ियाल के उथले पानी में आते ही वह जाल में फंस गया। जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण कर वन विहार नेशनल पार्क में छोड़ दिया। अब वन विहार में 3 घड़ियाल हो गए हैं। रेस्क्यू करने के बाद घड़ियाल का स्वास्थ्य परीक्षण वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट के डॉ. हिमांशु जोशी ने किया। इसमें उसकी पूंछ एक मीटर तक गायब मिली। इसकी वजह से उसकी लंबाई साढ़े 10 फीट हो गई है। यह पूंछ जाल में फंसने के कारण कटी है। तीन एक्सपर्ट के साथ आई टीम शनिवार को इटावा लौट जाएगी।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery