रिलिजन डेस्क. इस साल बसंत पंचमी पर्व 10 फरवरी को मनाया जएगा। बसंत पंचमी को बुद्धि और विद्या की देवा संरस्वती मां के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा कर करने से मां सरज्ञवती की कृपा आप पर बनी रहती है। इस दिन सरस्वती स्तोत्रम् का पाठ किया जाता है। हम आपको बताते हैं पूजा विधि और शुभ मुहूर्त..
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें. सफेद या पीले कपड़े पहनकर मां सरस्वती के चित्र अथवा मूर्ति को घर की उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें।
या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवला या शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकर-प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुद्धां ब्रह्मविचार सारपरम- माद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
श्वेतपद्मासना देवि श्वेतपुष्पोपशोभिता।
श्वेताम्बरधरा नित्या श्वेतगन्धानुलेपना॥
श्वेताक्षी शुक्लवस्रा च श्वेतचन्दन चर्चिता।
वरदा सिद्धगन्धर्वैर्ऋषिभिः स्तुत्यते सदा॥
स्तोत्रेणानेन तां देवीं जगद्धात्रीं सरस्वतीम्।
ये स्तुवन्ति त्रिकालेषु सर्वविद्दां लभन्ति ते॥
या देवी स्तूत्यते नित्यं ब्रह्मेन्द्रसुरकिन्नरैः।
सा ममेवास्तु जिव्हाग्रे पद्महस्ता सरस्वती॥
॥इति श्रीसरस्वतीस्तोत्रं संपूर्णम्॥
पंचमी तिथि प्रारंभ: मघ शुक्ल पंचमी शनिवार 9 फरवरी की दोपहर 12.25 बजे से शुरू
पंचमी तिथि समाप्त: रविवार 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक
Comment Now