रायगढ़. तमनार स्थित एसईसीएल प्रबंधन ने लोगों को रोड में उडऩे वाली कोल डस्ट से सनी सड़कों पर चलना मजबूरी हो गई है। डोंगामहुआ खदानों पर कोयला लोडिंग के लिए आए वाहनों से आए दिन सड़क पर बिछे कोयले से भारी मात्रा में धूल का गुबार उड़ रहे हैं। हवा के साथ लोगों की सांसो में यह कोयला अंदर जा रहा है। आंखों और फेफड़ों पर इसका गहरा नुकसान पड़ रहा है। शारीरिक रूप से लोग बर्बाद हो रहे हंै। पानी का छिडकाव नहीं होने पर एसईसीएल प्रबंधन लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करता नजर आ रहा है और प्रशासन को लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है।
बताया जा रहा है कि प्रतिदिन इस मार्ग पर कोयला लोडिंग के लिए सैकड़ों वाहनों का आना जाना हो रहा है। जिससे की कोयला सड़कों पर गिर रहा है। वह वाहनों के चक्को से पीसकर बारीक हो जा रहा है। जिस कारण से वाहनों के तीव्र गति से हवा के साथ यह कण धुल रूपी गुब्बार जैसे स्क्ल तैयार कर रहा है। तथा मुख्य मार्ग पर आने जाने वाले लोगों को समस्याओं से जूझने के लिए बाधित कर रहा है तथा लोगों को बाह्य अंगों में जमकर शरीर में चर्मरोग ,फंगल ,फुंसी, फेफड़ा संबंधित बीमारियों को जन्म दे रही है। ऐसा नहीं की इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को नहीं है। इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नहीं हो रहा है पानी का छिड़काव
एसीसीएल प्रबंधन द्वारा पूर्व में ग्रामीणों के विरोध के चलते टैंकरों के सहायता से पानी का छिड़काव किया जा रहा था, लेकिन आज के दिनों में प्रबंधन के आला अधिकारी ने पानी छिड़कने की कार्य को तवज्जो देते नजर नहीं आ रहे हैं। प्रबंधन पानी देना भूल ही चुका है और इस कारण यहां काफी परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
आर्थिक नाकेबंदी की तैयारी
ग्रामीणों ने बताया की दिनों दिन बढ़ते जा रहे इस धुल के समस्याओं के कारण लिबरा के ग्रामीण ने प्रबंधन को ज्ञापन सौंपकर प्रशासन के अधिकारियों को सूचित कर आर्थिक नाकेबंदी करने की मनसा बनाया है। ग्राम लिबरा में ग्राम सभा आयोजित कर इस बारे में भी चर्चा की जा चुकी है।
प्रबंधन के अधिकारियों से बात किए जाने पर मार्ग पर पानी का छिड़काव किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत देखे तो यह बात सरासर झूठ साबित होती है। क्योंकि पानी का छिड़काव किया ही नहीं जा रहा है।
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