Sunday, 25th May 2025

फैसला / रिजर्व बैंक से हजार करोड़ का कर्ज लेकर कर्जमाफी की भरपाई करेगी सरकार

Tue, Feb 5, 2019 6:10 PM

 

  • सालभर में लिया जा चुका है 6000 करोड़ का कर्ज 
  • आरबीआई से कर्ज की तीसरी किस्त में मिलेगी यह राशि
  • इसके एवज में प्रतिभूति की होगी नीलामी

रायपुर (पी श्रीनिवास राव). किसानों को धान की कीमत और बैंकों को कर्जमाफी की भरपाई के लिए भूपेश सरकार ने रिजर्व बैंके से एक हजार करोड़ की कर्ज लेने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने इसके बदले अपनी आरबीआई को सिक्युरिटी (प्रतिभूति) बेचने का प्रस्ताव दिया है। इनकी नीलामी बुधवार को होगी। तीन महीने में यह चौथा मौका है, जब राज्य सरकार कर्ज ले रही है। नवंबर से पहले जनवरी 2018 में सरकार ने दो बार में 2100 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। वैसे इस साल के बीते करीब सालभर में पुरानी और नई, दोनों सरकारों ने अब तक करीब 6000 करोड़ बतौर कर्ज लिए हैं। 

 


नई सरकार की घोषणाओं के चलते राज्य पर इन अंतिम महीनों में एकाएक 7000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आ पड़ा है। इसमें से 6100 करोड़ कर्जमाफी के हैं। वित्त विभाग दोनों ही खर्चों से इसी साल निपटना चाह रहा है। पर ऐसा संभव नहीं है। सरकार ने कर्जमाफी के 4000 करोड़ इसी साल बैंकों को देने और धान की पूरी कीमत भी देने का फैसला किया है। इसके मुताबिक 31 मार्च तक तक 5000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। यानी अगले डेढ़ महीने में अभी और कर्ज लिया जा सकता है। राज्य सरकार ने आरबीआई से 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया। इसकी दूसरी किस्त के रूप में 1500 करोड़ पिछले ही महीने लिए गए थे। इससे पहले नवंबर में भाजपा सरकार ने 300 करोड़ और फिर दिसंबर में 500 करोड़ का कर्ज लिया था। कर्ज के एवज में सरकार को दो साल तक 7.64 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। अभी इस साल का पूरा बजट खर्च भी नहीं हो पाया है और शासन के सामने कर्ज लेने की नौबत है। इस साल के लिए सरकार ने 94 हजार करोड़ का बजट लिया था। बीते 7-8 महीनों में 28.40 फीसदी यानी 27 हजार करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए हैं। 

 

 

12 हजार करोड़ है क्रेडिट लिमिट 
आरबीआई से तय क्रेडिट लिमिट के तहत सरकार इस साल करीब 11-12 हजार करोड़ तक का कर्ज ले सकती है। इसमें से अब तक लगभग 3 हजार करोड़ रुपए लिए जा चुके हैं। कर्ज की दूसरी किस्त में मिले 1500 करोड़ रुपए से सरकार धान खरीदी व बोनस जैसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाएगी। बता दें कि राज्य सरकार ने 87 हजार करोड़ से अधिक का सालाना बजट पारित करने के महीनेभर बाद ही 500 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके लिए आरबीआई को प्रतिभूति बिक्री का प्रस्ताव दिया गया है। 

 

18 साल में 36 हजार करोड़ का कर्ज 
सरकार वित्तीय वर्ष 2014-15 से जनवरी 2018 तक आरबीआई से 18350 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। इसमें 2014 में 2200, 2015 में पांच हजार करोड़, 2016 में 1850 करोड़ और 2017 में 7200 करोड़ रुपए लिए गए। इस साल दो और किस्तों में 1000 और 1100 करोड़ का कर्ज नई सरकार ने लिया है। इस तरह छत्तीसगढ़ में अब तक की तीन सरकारें कुल 35 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी हैं। जोगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 900 करोड़ का कर्ज लिया था। भूपेश सरकार ने पहले ही महीने में 2000 करोड़ का कर्ज ले लिया है।

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