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छत्तीसगढ़ / उसलापुर कॉलोनी तक बननी थी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से डेढ़ करोड़ की सड़क; गड्ढे पर जाकर खत्म

Thu, Jan 31, 2019 8:56 PM

 

  • सतनाम नगर से शुरू हुई 1.30 करोड़ की सड़क मोहल्ले में ही टुकड़ों में बना दी 
  • सड़क निर्माण स्थल से कॉलोनी तक जाने के लिए ढाई किमी तक कोई मार्ग नहीं 

संजय मिश्रा। बिलासपुर. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में गलत जगह पर 22 टुकड़ों में ढाई किलोमीटर की 1.30 करोड़ की सड़क बना दी है। ग्राम पंचायत अमेरी में सतनाम नगर से उसलापुर तक सड़क बनाई जानी थी लेकिन सतनाम नगर से शुरू हुई सड़क मोहल्ले में ही बनकर रही गई। यहां से कोई भी रास्ता उसलापुर होकर नहीं जाता। यह आगे चलकर गड्ढे पर खत्म हो गई।

 

एक सड़क पर दो बोर्ड, दोनों में अलग-अलग निर्माण खर्च 

  1.  

    सड़क कैसे बनी और गलत जगह पर क्यों बना दी गई इसका जवाब अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। ग्राम पंचायत अमेरी में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में सीसी रोड का निर्माण 5 मई 2014 को हुआ था। सड़क को सतनाम नगर से उसलापुर कालोनी तक बनाया जाना था।

     

  2.  

    ढाई किलोमीटर की इस सड़क को हिमकॉन स्टेट एंड डेवलपर्स प्रा. लि ने 30 अक्टूबर 2015 को बना दिया था। जिस जगह पर सड़क का निर्माण किया गया है वहां से उसलापुर कालोनी तक जाने का कोई मार्ग नहीं है। सड़क पूरी ढाई किलोमीटर नहीं बनी है। सड़क के करीब 100 मीटर आगे जाकर गड्ढा है।

     

  3.  

    जब इस मामले में विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर बीपी खरसन से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा यह उनके पूर्व अधिकारी वरुण राजपूत के कार्यकाल का मामला है। वे इस बारे में जानकारी नहीं दे पाएंगे कि गलत जगह पर सड़क क्यों बनाई गई।

     

  4.  

    इस मामले में रोचक पहलू यह है कि विभाग ने अलग-अलग जगहों पर सड़क निर्माण की अलग-अलग राशि का उल्लेख किया है। मसलन जिस जगह पर विभाग ने बोर्ड लगाए हैं वहां सड़क निर्माण की 1.30 करोड़ लिखी गई है जबकि उसी बोर्ड के बगल में लगे बोर्ड और विभाग में चस्पा बोर्ड में यह 1.25 करोड़ की राशि का उल्लेख है। 

     

  5. हर साल होना था ऑडिट

     

    छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग के विशेष सचिव पीके बीसी से जारी अधिसूचना के अनुसार लोकल फंड ऑडिट विभाग को 12 जनवरी 2006 को छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क अभिकरण विभाग काे ऑडिट करने के लिए आदेशित किया गया था। इसके बाद हर साल इस विभाग का ऑडिट होना था लेकिन विभाग ने अधिसूचना जारी होने के बाद एक भी ऑडिट नहीं कराया बल्कि लोकल फंड ऑडिट विभाग के अधिकारियों के जाने पर वे इसे टालते रहे।

     

  6. अधिकारी एक दूसरे पर टालते रहे

     

    मामले में पूर्व एक्जीक्यूटिव इंजीनियर वरुण राजपूत ने इसे अपने पूर्व के अधिकारी के कार्यकाल का मामला बताया। उनके पूर्व एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अंजू चंदेल से जानकारी लेने पर उन्होंने भी पूर्व अधिकारी टोप्पो का नाम लिया। 

     

  7. गड़बड़ी सामने आई तो कार्रवाई निश्चित

     

    मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में यदि कोई गड़बड़ी सामने आती है तो निश्चित रूप से जांच कर कार्रवाई करेंगे। मामले की पूरी जानकारी दीजिए, गड़बड़ी पाए जाने पर हम कार्रवाई करेंगे।

    टीएस सिंहदेव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन 

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