संदीप राजवाड़े, रायपुर . आपको अपने आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि में अगर कोई सुधार करवाना है, तो अब आप उसे दर्ज तिथि से 3 साल कम या ज्यादा ही करवा सकेंगे।
यूआईडीएआई द्वारा जो सुधार किया जाएगा वो जन्म की तारीख से तीन साल आगे या पीछे किया जाएगा। यूआईडीएआई की तरफ से इस नए अपडेशन का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 17 जनवरी से यह लागू हो गया है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी का आधार पंजीयन के समय जन्मतिथि 1980 लिखी है, पर उसकी 10वीं की अंकसूची व अन्य दस्तावेज में जन्मतिथि 1983 लिखी है
तो अब नए नोटिफिकेशन के अनुसार सिर्फ 3 साल यानी 1983 ही जन्मतिथि दर्ज कर संशोधित की जाएगी। लेकिन अगर किसी के आधार में जन्म तिथि 1990 है और दस्तावेज में 1995 है, तो संशोधन के बाद 1992 ही लिखा जाएगा। 1 जनवरी से ही आधार में जन्म तिथि दो बार ही सुधरवाने का नियम लागू हुआ था। आधार सेंटर व लोक सेवा केंद्र में एक बार ही सुधार हो सकता है। इसके बाद अगर जन्म तिथि में सुधार के लिए आवेदक को रीजनल सेंटर जाना होगा। वहां दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद ही अंतिम सुधार हो सकता है।
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद बना नियम : यूआईडीएआई अधिकारियों के अनुसार आधार की अनिवार्यता बढ़ने के साथ देश में आधार बनाए गए। इस दौरान देखने में आया कि कई लोगों ने बिना शैक्षणिक दस्तावेज के मतदान पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक के आधार पर अपनी जन्म तिथि लिखवाई है। पर वास्तविकता में उनकी जन्म तिथि अलग है। इसे लेकर कम या ज्यादा उम्र लिखवाने के बाद गड़बड़ी की शिकायतें लगातार आ रही थीं। इसलिए साल सिर्फ दो बार जन्म तिथि को लेकर अपडेशन वो भी रिकॉर्ड से सिर्फ 3 साल कम या ज्यादा का नियम बनाया गया है।
ज्यादा गैप पर संशोधन रिजेक्ट
नया नियम लागू हो गया है, इसके आधार पर ही अब डेट ऑफ बर्थ में अपडेशन हो सकता है। कई केस में देखा गया कि आधार बनाने के दौरान कई लोगों की उम्र और पैदा होने वाले साल मनमर्जी से या गलत लिखे गए। बाद में जरूरत पड़ने पर या शिक्षा-नौकरी के लिए जन्म तिथि में सुधार के लिए लोग आते हैं, तो उन्हें संशोधन कराना पड़ता है। अब सिर्फ आधार में दर्ज जन्म तिथि से 3 साल आगे या पीछे ही उम्र मानी जाएगी। संशोधन के तय उम्र से ज्यादा साल का गैप दिखाने पर संशोधन रिजेक्ट माना जाएगा। -परितोष डोणगांवकर, आधार इंचार्ज, छत्तीसगढ़ स्टेट
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