नई दिल्ली. देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ध्वजारोहण के बाद गणतंत्र दिवस परेड शुरू होगी। डेढ़ घंटे तक चलने वाली परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले पर खत्म होगी। इस बार परेड की अगुआई ‘नारी शक्ति’ करेगी। असम राइफल्स की मेजर खुशबू कंवर के नेतृत्व में महिला सैनिक परेड में हिस्सा लेंगी। सेना के मुताबिक, हर साल की तुलना में परेड में इस बार ज्यादा महिला सैनिक होंगी। इसके अलावा राजपथ पर एक महिला अफसर बाइक पर स्टंट भी करती दिखेगी। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
परेड शुरू होने से पहले सेना का एम आई -17 हेलिकाॅप्टर राजपथ और सलामी मंच पर पुष्प वर्षा करते हुए गुजरेगा। इसके बाद परेड कमांडर राष्ट्रपति को सलामी देंगे।
पहली बार परेड में 90 साल से ज्यादा की उम्र सैनिक
गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (आईएनए) के चार पूर्व सैनिक हिस्सा लेंगे। इनमें लालतीराम (98), परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) शामिल हैं। आईएनए के सैनिकों को इस परेड में पहली बार बुलाया गया है।
परेड के लिए 600 घंटे तैयारी करता है हर जवान
भारतीय सेना 26 जनवरी की परेड की तैयारी अगस्त से ही शुरू कर देती है। इस दौरान परेड के लिए एक जवान करीब 600 घंटे का अभ्यास करता है। जवानों की शुरुआती तैयारी अपनी रेजीमेंट में होती है। दिसंबर से वे दिल्ली में परेड की तैयारी करते हैं। 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस राजपथ पर नहीं, बल्कि इर्विन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में मनाया गया था। 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस का समारोह कभी इर्विन स्टेडियम, कभी किंग्सवे कैंप, कभी लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में होता रहा। 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पहुंचा। तब से आज तक नियमित रूप से यहीं हो रहा है।
विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि
गणतंत्र दिवस के मौके पर 1950 से ही विदेशी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राजाओं को बुलाने की परंपरा रही है। अब तक समारोह में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, पाकिस्तान और चीन से लेकर पड़ोसी राज्य भूटान, श्रीलंका के मुखिया इसका हिस्सा बन चुके हैं। फ्रांस के प्रतिनिधि सबसे ज्यादा बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने हैं। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मेहमान बने थे। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। हालांकि, इस बार भी भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समारोह में आमंत्रित किया था, लेकिन उनके इनकार के बाद द. अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रमपोसा को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।
कुछ खास तथ्य
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