Saturday, 7th June 2025

राजपथ से LIVE / मोदी ने अमर जवान ज्योति पर दी शहीदों को श्रद्धांजलि, कुछ देर में शुरू होगी परेड

Sat, Jan 26, 2019 4:56 PM

 

  • इस बार गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि हैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा

नई दिल्ली. देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ध्वजारोहण के बाद  गणतंत्र दिवस परेड शुरू होगी। डेढ़ घंटे तक चलने वाली परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले पर खत्म होगी। इस बार परेड की अगुआई ‘नारी शक्ति’ करेगी। असम राइफल्स की मेजर खुशबू कंवर के नेतृत्व में महिला सैनिक परेड में हिस्सा लेंगी। सेना के मुताबिक, हर साल की तुलना में परेड में इस बार ज्यादा महिला सैनिक होंगी। इसके अलावा राजपथ पर एक महिला अफसर बाइक पर स्टंट भी करती दिखेगी। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।


परेड शुरू होने से पहले सेना का एम आई -17 हेलिकाॅप्टर राजपथ और सलामी मंच पर पुष्प वर्षा करते हुए गुजरेगा। इसके बाद परेड कमांडर राष्ट्रपति को सलामी देंगे।


पहली बार परेड में 90 साल से ज्यादा की उम्र सैनिक
गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (आईएनए) के चार पूर्व सैनिक हिस्सा लेंगे। इनमें लालतीराम (98), परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) शामिल हैं। आईएनए के सैनिकों को इस परेड में पहली बार बुलाया गया है।

 

  • सेना के दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल राजपाल पुनिया के मुताबिक, अमेरिका से खरीदी गई एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप और मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बनी के-9 वज्र तोप पहली बार राजपथ पर सेना की ताकत की झलक पेश करेगी। के-9 वज्र तोप को लार्सन और टूब्रो ने बनाया है।
  • डीआरडीओ द्वारा बनी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और बख्तरबंद रिकवरी वाहन अर्जुन भी पहली बार परेड में शामिल होंगे। इसके अलावा जैव ईंधन से चलने वाला वायु सेना का मालवाहक विमान एएन-32 भी राजपथ से गुजरेगा।
  • इस बार परेड में हाथी पर सवार बहादुर बच्चों की झांकी नहीं दिखेगी। उनकी जगह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित 26 बच्चे जीप पर सवार होकर गुजरेंगे। इन बच्चों को शैक्षणिक, खेल, बहादुरी और नवाचार जैसे 6 क्षेत्रों से चुना गया है।
  • परेड में सशस्त्र सेनाओं, अर्द्धसैन्य बलों, दिल्ली पुलिस, एनसीसी और एनएसस के 16 मार्चिंग दस्तों के साथ 16 बैंड भी हिस्सा लेंगे। साथ ही राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की 22 झांकियां भी राजपथ पर नजर आएंगी।


परेड के लिए 600 घंटे तैयारी करता है हर जवान
भारतीय सेना 26 जनवरी की परेड की तैयारी अगस्त से ही शुरू कर देती है। इस दौरान परेड के लिए एक जवान करीब 600 घंटे का अभ्यास करता है। जवानों की शुरुआती तैयारी अपनी रेजीमेंट में होती है। दिसंबर से वे दिल्ली में परेड की तैयारी करते हैं। 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस राजपथ पर नहीं, बल्कि इर्विन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में मनाया गया था। 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस का समारोह कभी इर्विन स्टेडियम, कभी किंग्सवे कैंप, कभी लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में होता रहा। 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पहुंचा। तब से आज तक नियमित रूप से यहीं हो रहा है। 

 

विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि

गणतंत्र दिवस के मौके पर 1950 से ही विदेशी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राजाओं को बुलाने की परंपरा रही है। अब तक समारोह में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, पाकिस्तान और चीन से लेकर पड़ोसी राज्य भूटान, श्रीलंका के मुखिया इसका हिस्सा बन चुके हैं। फ्रांस के प्रतिनिधि सबसे ज्यादा बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने हैं। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मेहमान बने थे। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। हालांकि, इस बार भी भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समारोह में आमंत्रित किया था, लेकिन उनके इनकार के बाद द. अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रमपोसा को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।

 

कुछ खास तथ्य

 

  • 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे पर भारत का संविधान लागू किया गया।
  • डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को गवर्नमेंट हाउस में भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी।
  • 1952 में सेना के बैंड ने पहली बार महात्मा गांधी के मनपसंद गीत की धुन बजाई थी।
  • 1953 में पहली बार लोक नृत्य और आतिशबाजी को भी समारोह का हिस्सा बनाया गया।
  • 1959 से गणतंत्र दिवस समारोह में दर्शकों पर वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स से फूल बरसाने की शुरुआत हुई थी।
  • गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकटों की बिक्री 1962 में शुरू की गई थी।
  • 1970 से राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देने की शुरुआत हुई जो अब तक कायम है।
  • गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 29 जनवरी को रायसीना हिल्स पर ‘बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी' से होता है। बीटिंग द रिट्रीट सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। 1965 और 1971 में भारत- पाक युद्ध के दौरान दो बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी नहीं हुई।

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