भुवनेश्वर. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को ओडिशा पहुंचे। उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझसे असहमत हैं और मैं उनसे असहमत हूं। मैं उनसे लड़ूंगा, कोशिश करूंगा और उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनने दूंगा। लेकिन मैं उनसे नफरत नहीं करता। मैं उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार देता हूं।''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''मेरे राजनेता बनने में एक बात अच्छी हुई, मुझे गालियां दी गईं। भाजपा और आरएसएस की तरफ से ये सबसे अच्छा तोहफा था, जो वे दे सकते थे। मैं मोदी को देखता हूं, जब वे मुझे गालियां देते हैं, मुझे लगता है कि उन्हें गले लगा लूं।''
राहुल ने कहा, "हम लोगों को सुनते हैं, यह सामान्य प्रक्रिया है। मोदी की तरह नहीं, जिन्हें लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं। यहां फीडबैक आने की कोई संभावना नहीं रहती। यही भाजपा और हम (कांग्रेस) में बेसिक अंतर है।''
राहुल ने भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रियंका की राजनीति में एंट्री को लेकर उन्होंने कहा- उनके राजनीति में आने को लेकर कई सालों से चर्चा चल रही थी। लेकिन तब उनके बच्चे छोटे थे। प्रियंका अपने बच्चों का ख्याल रखना चाहती थीं, अब वे बड़े हो गए हैं।
राहुल ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘बीजद और भाजपा के मॉडल एक जैसे हैं। मोदी और पटनायक में संबंध हैं। भ्रष्टाचार मामलों की वजह से पटनायक मोदी के दबाव में हैं। वे मोदी का मौन रहकर समर्थन करते हैं। पटनायक निरंकुश हैं लेकिन उनमें मोदी की तरह नफरत नहीं है।''
उन्होंने कहा, "भारत में रोजगार का संकट है। समस्या है कि यहां रोजगार के नए अवसर नहीं मिल रहे। चीन सभी को पछाड़ रहा है। चीन में ऑटोमेशन रोजगार पैदा करने के लिए समस्या क्यों नहीं बनी? जब मैं मानसरोवर गया, मुझे वहां कई मंत्री मिले, उन्होंने बताया कि नए रोजगार पैदा करने में कोई समस्या नहीं। असल मुद्दा ये है कि अगर आप उत्पादन कर रहे हैं और तकनीकी से जुड़े हैं, तो कोई समस्या नहीं।'
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